UP Budget 2025: उत्तर प्रदेश विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश हो गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बजट को 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' की अवधारणा पर आधारित बताया है. सीएम योगी ने कहा कि इस बार का बजट युवाओं, महिलाओं के उत्थान और वंचितों के विकास को समर्पित है. सीएम योगी कहा कि आज यूपी की अर्थव्यवस्था देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर पोस्ट किया और कहा- 'वित्तीय वर्ष 2025-26 का यह बजट सनातन संस्कृति की 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' की अवधारणा के अनुरूप गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है.आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन को साकार करते हुए 'वंचित को वरीयता' इस बजट का केंद्रीय भाव है.'
यूपी में चार नए एक्सप्रेस वे बनेंगेसीएम योगी ने आगे कहा- 'देश के किसी भी राज्य के सबसे बड़े बजट को आज उत्तर प्रदेश विधान सभा में प्रस्तुत करने हेतु माननीय वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना जी एवं वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव समेत सभी अधिकारी व कर्मचारियों को हृदय से धन्यवाद!' मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी अब बीमारू राज्य नहीं है. इस बार सरकार ने चार नए एक्सप्रेसवे बनाने की भी घोषणा की है. जिसके लिए बजट का प्रावधान किया गया है.
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सराकर का नौंवा बजट है. पिछले आठ सालों में सरकार ने जो भी कदम उठाए उसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं. आज यूपी में इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़े स्तर पर काम हुआ है. पिछले साल उत्तर प्रदेश के बड़ा पर्यटन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. पिछले एक साल में यूपी 65 लाख पर्यटक आएं और 14 लाख विदेशी भी आए. यूपी आज पर्यटन में तीसरे नंबर से पहले स्थान पर आने में सफल रहा है. राज्य के बजट के आकार में जो बढ़ोतरी हुई है वो राज्य के सामर्थ्य को दिखाती है. इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो धनराशि व्यय होगी उससे रोज़गार के अवसर आएंगे.
देश में दूसरे स्थान पर पहुंची यूपी की अर्थव्यवस्थावर्ष 2017-18 में जहां यूपी की अर्थव्यवस्था देश में छठवें स्थान पर थी वो आज देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है. प्रयागराज में आवागमन को सुगम बनाने के लिए दो नए ब्रिज बनाने की आवश्यकता ही जिसकी व्यवस्था की गई है. बजट में ऊर्जा क्षेत्र के लिये 61,070 करोड़ रुपये, सिंचाई के लिये 21,340 करोड़, भारी एवं मध्यम उद्योग के लिये लगभग 24 हजार करोड़ रुपये, नगर विकास के लिये 25,308 करोड़, आवास एवं शहरी नियोजन के लिये 7,403 करोड़ और नागरिक उड्डयन के लिये 3,152 करोड़ रुपये प्रस्तावित है.
इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र के लिये 1,06,360 करोड़, कृषि क्षेत्र के अन्तर्गत कृषि, उद्यान, पशुधन, दुग्ध, मत्स्य, सहकारिता, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति के लिये 89,353 करोड़, चिकित्सा क्षेत्र के लिये 50,550 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है.