UP Budget 2024 Live: केंद्रीय बजट के बाद राज्य की सरकारों का लेखा जोखा सदन में पेश होता है. वित्त मंत्री विधानसभा के पटल पर बजट रखते हैं. बजट मुख्य रूप से आंकड़ों को जोड़नेवाला होता है. ज्‍यादातर लोगों के लिए बजट भाषण काफी नीरस और बोझिल लगता है. अर्थव्यवस्था और वित्त से जुड़ी शब्दावलियों को समझना हर किसी के बस की बात नहीं. कुछ लोगों को बजट में आंकड़ों की बाजीगरी समझ में नहीं आती है. बजट की नीरसता को तोड़ने के लिए कई बार वित्त मंत्री को शायर भी बनना पड़ता है. बजट पेश करते वक्‍त वित्त मंत्री शेरो-शायरी और कविताओं का तड़का लगाते हैं. शेरो-शायरी और कविताओं के जरिए वित्त मंत्री नई उम्मीदों का संचार भी करते हैं.


सरकार के सामने खड़ी चुनौतियों से सदन को रूबरू कराने की भी कोशिश वित्त मंत्री शायर बनकर करते हैं. वित्त मंत्री प्रदेश की आर्थिक क्षमता की भी झलक सदन में दिखाते हैं. 5 फरवरी (सोमवार) को देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश का भारी भरकम बजट पेश हुआ. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का आठवां बजट है. उत्तर प्रदेश के बजट का आकार 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपए है. सदन का माहौल हल्का फुल्का करने के लिए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने शायरी का सहारा लिया. उन्होंने शेरो-शायरी का बजट पढ़ते समय तड़का लगाया. वित्त मंत्री की शायरी सुनकर बीच-बीच में सदस्यों ने ठहाके भी लगाए. बजट भाषण के बीच सदन में कही गई चुनिंदा शेरो-शायरी से रूबरू कराते हैं. 



  • हौसले दिल में जब मचलते हैं, आंधियों में चिराग जलते हैं. 


चिकित्सा क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए वित्त मंत्री ने कहा-



  • मुक्त हूं कर्तव्य की चिन्ताओं से, दर्द से दुःख से मुझे आराम है

  • हर किसी के वास्ते हर वस्तु है, यह हमारे ऐश्वर्य का पैगाम है.


बुन्देलखण्ड क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए सरकारी प्रयास का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा-



  • पैदा नजर-नजर में एक ऐसा मुकाम कर, दुनिया सफर करे तेरे दामन को थाम कर.


बजट भाषण में वित्त मंत्री ने योगी सरकार को गरीबों का हिमायती बताया. उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा के नीचे रहनेवाले लोगों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने बजट भाषण के बीच शायरी पढ़ी-



  • आँख का हर अश्रु कण हंसने लगा है,
    ढ़ल गयी है आह भी संगीत में,
    जगमगाता है हृदय का अंधकार,
    कष्ट परिवर्तित हुए हैं गीत में. 




वर्ष 2024-2025 का बजट वित्त मंत्री ने उत्तर प्रदेश की जनता को समर्पित किया. उन्होंने कहा कि सदन में उपस्थित सम्मानित जनप्रतिनिधियों के माध्यम से बजट जनता को समर्पित है. बजट समाप्ति की घोषणा से पहले उन्होंने शायरी का सहारा लिया. 



  •  तुम्हारी शख्सियत से ये सबक लेंगी नई नस्लें,
         वहीं मंजिल पर पहुँचा है जो अपने पाँव चलता है।
         डुबो देता है कोई नाम तक भी खानदानों का,
        किसी के नाम से मशहूर होकर गाँव चलता है।।




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