Uttar Pradesh News Today: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के जरिये पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन को लेकर छात्र प्रदर्शन बीते कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. ये छात्र 'वन डे-वन शिफ्ट' में परीक्षा आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं.
इसको लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों और सियासी दलों के नेताओं की मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. प्रयागराज में आयोग के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को लेकर अब बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह का बड़ा बयान सामने आया है.
बृजभूषण सिंह ने क्या कहा?भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व महाध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने कहा कि छात्रों के प्रदर्शन को हल्के में नहीं लेना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि ये सब हमारे ही बच्चे हैं, सरकार को इसको गंभीरतापूर्वक लेना चाहिए.
आंदोलन करने वाले छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज को पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह ने गलत बताया. उन्होंने कहा कि पुलिस से गलती हो गई है, ऐसा नहीं होना चाहिए था. बृजभूषण सिंह ने कहा, "सरकार से आग्रह है कि उसे बच्चों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक और गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए. इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए."
छात्रों ने की ये मांगबता दें, छात्रों के धरने का बुधवार (13 नवंबर) को तीसरा दिन है. छात्रों के मुताबिक, आयोग प्रदेश के 41 जिलों में पीसीएस प्री की परीक्षा आयोजित कर रहा है. छात्रों ने मांग की है कि इस परीक्षा को सूबे के सभी 75 जिलों में प्री की परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए.
छात्रों का कहना है कि सभी 75 जिलों में परीक्षा कराने से एक दिन और एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित कराई जा सके. इससे प्रदेश लोक सेवा आयोग को नार्मलाइजेश की जरुरत भी नहीं पड़ेगा.
'आयोग से लिखित में मांगा आश्वासन' प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का उदाहरण देते हुए दलील दी है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है.
छात्रों ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक आयोग से उन्हें लिखित में आश्वासन नहीं मिल जाता है, उनका प्रर्दशन जारी रहेगा. प्रयागराज में आयोग के कार्यालय के बाहर हजारों की संख्या में छात्र डटे हुए हैं.
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