Lok Sabha Elections 2024: रालोद प्रमुख रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह को मात देने वाले पर बीजेपी ने तीसरी बार भरोसा जताया है. केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान (Sanjeev Baliyan) को मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) से लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया है. संजीव बालियान का मुजफ्फरनगर से टिकट फाइनल होते ही बधाई देने वालों का तांता लग गया. शनिवार को जारी की गई पहली सूची में संजीव बालियान का नाम शामिल है. फिलहाल डॉ संजीव बालियान मुजफ्फरनगर से बाहर गए हुए हैं. 


तीसरी बार संजीव बालियान को मिला टिकट


संजीव बालियान लगातार दो बार से मुजफ्फरनगर का संसद में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. पहली बार 2014 में बीजेपी ने चुनाव मैदान में उतारा था. बसपा के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद कादिर राणा भी लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे. संजीव बालियान कादिर राणा को हराकर पहली बार संसद पहुंचे. 2014 का चुनाव जीतने के बाद संजीव बालियान केंद्र में मंत्री बने. उन्होंने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया. 2016 में जल संसाधन नदी विकास और गंगा कायाकल्प राज्य मंत्री बनाया गया. हालांकि 2017 में संजीव बालियान को मोदी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. 


बीजेपी ने मुजफ्फरनगर से बनाया उम्मीदवार


2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दूसरी बार भी संजीव बालियान पर दांव लगाया. इस बार मुजफ्फरनगर से रालोद मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह ने ताल ठोक दी थी. अजीत चौधरी के चुनाव मैदान में आने मुकाबला तगड़ा हो गया था. अखिलेश यादव की सपा बसपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही थी. चौधरी अजीत सिंह मुजफ्फरनगर से जीत के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे. मुजफ्फरनगर की सियासी संग्राम पर पूरे देश की नजरें टिकी थीं. लेकिन संजीव बालियान ने चौधरी अजीत सिंह को हराकर चौंका दिया.


बीते चुनाव की जीत से संजीव बालियान का कद ऊंचा हो गया है.  संदेश गया कि संजीव बालियान भी अब पश्चिमी यूपी में जाटों के नेता हैं. चौधरी अजीत सिंह करीब 6526 वोटों से हार गए. संजीव बालियान पश्चिमी यूपी की राजनीति से आगे निकलकर देश में जाटों का बड़ा नेता बनकर उभरे. अजीत सिंह को हराने का फिर इनाम मिला. मोदी मंत्रिमंडल में जगह दे दी गई. मुजफ्फरनगर की सियासी महाभारत में संजीव बालियान ने हर चक्रव्यूह तोड़ा. 


केंद्रीय राज्यमंत्री डॉक्टर संजीव बालियान का जन्म 23 जून 1972 को मुजफ्फरनगर जिले के कुटबी गांव में हुआ. पिता का नाम सुरेंद्र पाल था. पत्नी का नाम डॉ  सुनीता बालियान है. दंपति की दो बेटियां केतकी बालियान और ताज बालियान हैं. डॉक्टर संजीव बालियान ने हरियाणा के कृषि विश्वविद्यालय से पशु चिकित्सा विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है. डॉक्टरेट की डिग्री लेने के बाद उन्होंने सहायक प्रोफेसर पद पर नौकरी की. हरियाणा सरकार में पशु चिकित्सा सर्जन की सेवा देने के बाद उन्होंने राजनीति की ओर कदम बढ़ाया. 


मुजफ्फरनगर दंगों का लगा था आरोप


तीसरी बार मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से बीजेपी का टिकट पाने में कामयाब रहे संजीव बालियान पर दंगों का भी आरोप है. 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी भी रहे हैं. उनके खिलाफ दंगा भड़काने का आरोप लगा था. दंगों की वजह से सबसे पहले संजीव बालियान चर्चा में आए थे. 


सपा के हरेंद्र मलिक से होगा मुकाबला


मुजफ्फरनगर लोकसभा से सपा गठबंधन ने पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने संजीव बालियान को तीसरी बार प्रत्याशी बनाया है. दोनों नेता जाट बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं. ऐसे में सियासी जंग बेहद दिलचस्प होने वाली है. हालांकि अभी बसपा ने मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. लोकसभा प्रत्याशी की घोषणा होने के साथ समर्थक घर पर पहुंचने लगे हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है.


घर पर बधाई देने वालों की उमड़ी भीड़


मुजफ्फरनगर में संजीव बालियान की वापसी कल होगी. टिकट मिलने पर उन्होंने बीजेपी नेतृत्व के भरोसे को कामय रखने की बात कही. उन्होंने आलाकमान का धन्यवाद अदा किया है. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर की जनता का प्यार और भरोसा मेरी जीत की कहानी लिखता है. हर चुनाव कठिन होता है और फैसला जनता के हाथ में है. पीएम मोदी और सीएम योगी ने विकास के अनगिनत काम किए हैं. उन्होंने कहा कि जनता को अब किसी पर विश्वास नहीं है. पश्चिमी यूपी तेजी से बदल रहा और विकास का रथ तेजी से चल रहा है. 


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