न्याय न मिलने से हताश एक युवक ने आज बस्ती के जिलाधिकारी कार्यालय के सामने खुद को आग लगाने की कोशिश की. यह सनसनीखेज घटना कलवारी थाना क्षेत्र के पाऊं गांव में लंबे समय से चले आ रहे एक जमीन विवाद से जुड़ी है.

जहां पीड़ित का आरोप है कि उसकी मौजूदगी और पुलिस की देखरेख में दूसरे पक्ष द्वारा उसकी जमीन पर जबरन निर्माण किया जा रहा था. राघवेंद्र शुक्ला नाम का एक पीड़ित युवक, आज सुबह हाथ में पेट्रोल की बोतल लेकर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में पहुंचा. 

पेट्रोल डालकर किया आत्मदाह का प्रयास

उसकी आँखों में हताशा और चेहरे पर बेबसी साफ झलक रही थी. उसने अचानक खुद पर पेट्रोल उड़ेलना शुरू कर दिया, पीड़ित युवक न्याय न मिलने पर आत्मदाह करने आया था. इस घटना से डीएम कार्यालय के परिसर में मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई. पीड़ित राघवेंद्र का आरोप है कि उसकी पैतृक भूमि पर कुछ दबंगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण कार्य किया जा रहा है.

उसने कई बार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन उसकी शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. उसने बताया कि पुलिस की मौजूदगी में भी निर्माण कार्य जारी रहा, जिससे उसे लगा कि उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं है. यही निराशा उसे यह कदम उठाने पर मजबूर कर गई. गनीमत रही कि इस हृदय विदारक दृश्य को देखकर एसडीएम सदर शत्रुघ्न पाठक तत्काल मौके पर पहुंचे. 

एसडीएम ने पानी डालकर युवक को रोका

उन्होंने बिना एक पल गंवाए, अपनी जान की परवाह न करते हुए, राघवेंद्र के हाथ से पेट्रोल की बोतल छीन ली और तुरंत उस पर पानी डालकर उसे आग लगाने से रोक दिया. सदर तहसील के एसडीएम की इस त्वरित और साहसी कार्रवाई से एक बड़ी अनहोनी घटना टल गई, और राघवेंद्र की जान बच गई.

घटना के तुरंत बाद, एसडीएम पाठक ने गंभीरता दिखाते हुए दोनों पक्षों को अपने समक्ष तलब किया. उन्होंने पूरे मामले की विस्तृत जानकारी ली और विवादित जमीन पर निर्माण करने से रोक का आदेश दिया. इसके अलावा दोनों पक्षों का शांति भंग में चालान करवा दिया ताकि दोबारा इस तरह का विवाद न उत्पन्न हो. 

विवादित जमीन पर एसडीएम ने लगाई रोक

एसडीएम ने विवादित भूमि पर चल रहे समस्त निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगा दी है. एसडीएम ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि भविष्य में यदि किसी भी पक्ष द्वारा जमीन को लेकर कोई विवाद उत्पन्न करने का प्रयास किया गया, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

यह घटना बस्ती में जमीन विवादों के निपटारे में कथित देरी और पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करती है. यह इस बात का भी संकेत है कि आम जनता को न्याय पाने के लिए किस हद तक मजबूर होना पड़ रहा है. प्रशासन को ऐसे मामलों में और अधिक संवेदनशीलता और जवाबदेही दिखानी होगी ताकि किसी भी नागरिक को इस तरह के निराशाजनक कदम उठाने पर मजबूर न होना पड़े. 

एसडीएम ने दी मामले की जानकारी

वही एसडीएम सदर शत्रुघ्न पाठक ने बताया कि पीड़ित युवक राघवेंद्र शुक्ला की शिकायत थी कि उसकी जमीन पर जबरन दूसरे पक्ष द्वारा निर्माण कराया जा रहा है जिसकी जानकारी होने पर उनके द्वारा दोनों पक्षों को बुलाया गया था तभी राघवेंद्र आत्मदाह करने पहुंच गया था.

 इस मामले में निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है, इसके अलावा दोनों पक्षों के सभी सदस्यों का शांति भंग में चालान करने का आदेश दिया गया है. वहीं भविष्य में विवादित जमीन पर निर्माण न करने की चेतावनी भी दी है.