प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के बेहतर स्वास्थ व्यवस्था के बार बार किए जा रहे दावों के बाद भी सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. ताजा मामला आजमगढ़ के मंडलीय अस्पताल का है. जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो वायरल होते ही स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया. मंडलीय अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने सफाई दी है.
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से एक गंभीर रूप से बीमार मरीज जमीन पर बैठकर खुद से ऑक्सीजन लगाया हुआ है. इस दौरान कोई भी स्वास्थ्य कर्मी मरीज के पास नजर नहीं आ रहा है इस तरह यह समझा जा सकता है कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था किस कदर बदहाल है.
सीने में संक्रमण से जूझ रहा है मरीजजिले के तरवा थाना क्षेत्र के बीबीपुर गांव के रहने वाले 30 वर्षीय राजू यादव पुत्र पलटू यादव जिन्हें चेस्ट इन्फेक्शन के कारण आजमगढ़ के मंडलीय अस्पताल में 17 जुलाई को भर्ती कराया गया था.
मंडलीय अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर ओम प्रकाश सिंह का कहना है की मरीज को चेस्ट इन्फेक्शन हुआ है, चेस्ट इंफेक्शन ज्यादा होने के कारण वह लेट भी नहीं पा रहा है और बैठकर ही ऑक्सीजन ले रहा हूं इसी दौरान बिस्तर पर ही उसने टॉयलेट कर दिया था. इसी बीच चद्दर बदला जा रहा था किसी ने वीडियो बना लिया.
मामले पर अधिकारियों ने क्या कहा?चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि मरीज की देखभाल के लिए दो डॉक्टर लगाए गए हैं वार्ड में शिफ्ट भी कर दिया गया है. यदि मरीज को यहां आराम नहीं मिलता है तो मेडिकल कॉलेज रेफर करके उसका इलाज कराया जाएगा. उन्होंने कहा की अस्पताल में नर्स, वार्ड बॉय और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का पूरा स्टाफ मौजूद था.
बावजूद इसके जिस समय मरीज बेड से नीचे उतरा किसी का ध्यान नहीं गया. इसी दौरान किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. कहा की जिसने भी किया गलत किया क्योंकि मरीज की प्राइवेसी का ध्यान देना चाहिए. मरीज ने बेड में ही टॉयलेट कर दिया था. पत्नी आई और कपड़े बदलवाकर उन्हें बेड पर पहुंचा दिया गया.
नर्सिंग अधिकारी से मांग जवाबइस मामले में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने नर्सिंग अधिकारी आशा यादव से जवाब मांगा है इसके बाद अग्रिम कार्रवाई की बात कही है. जिले की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भारतीय जनता पार्टी आजमगढ़ के जिला अध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अशोक पर पहले ही भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप लगा चुके हैं.
जिसकी जांच जिलाधिकारी के निर्देश पर चल रही है. जिस जिले में सीएमओ पर गंभीर आरोप है उस जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल होना स्वाभाविक है.