बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री सतीश महाना (Satish Mahana) निर्विरोध यूपी विधानसभा के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. उनपर सभी दलों के सदस्यों को उचित मौका देते हुए सदन की गरिमा के मुताबिक सदन चलाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी. इस बार सदन में विपक्ष काफी मजबूत है ऐसे में सदन की कार्रवाई सुचारू ढंग से चले और हंगामे की भेंट ना चढ़े इस पर महाना का विशेष फोकस होगा. 


माना जा रहा है कि सतीश महाना के विधानसभा अध्यक्ष बनने से कानपुर को एकबार फिर सम्मान मिला क्योंकि कानपुर में कोई भी मंत्री न बनने पर यहां लोगो में निराशा थी. दरअसल विपक्ष की ओर से कोई भी नामांकन दाखिल नहीं हुआ है.


UP Weather Forecast: यूपी में गर्मी पड़ रही भारी, 1 अप्रैल तक 'लू' चलने को लेकर चेतावनी जारी, इस जिले में दर्ज हुआ सबसे ज्यादा पारा


सतीश महाना कानपुर के ऐसे दूसरे व्यक्ति जो विधानसभा अध्यक्ष बने हैं. सतीश महाना से पहले कानपुर के हरिकिशन श्रीवास्तव भी 1990 से 1991 तक विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं.


कल्याण सिंह, मायावती और योगी आदित्यनाथ सरकार में रह चुके हैं मंत्री


कल्याण सिंह, रामप्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मायावती और योगी आदित्यनाथ सरकार में उन्होंने मंत्री के रूप में काम किया. सतीश महाना अक्टूबर 1997 में पहली बार कल्याण सिंह सरकार में राज्यमंत्री बने और आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री के रूप में काम किया.


वर्ष 2002 में फिर राज्य मंत्री बने और पूर्व का ही विभाग मिला. साल 2017 में बीजेपी की फिर सरकार बनने पर सतीश महाना कैबिनेट मंत्री बने और योगी सरकार वन में औद्योगिक विकास मंत्री का पद संभाला. साल 2019 में सत्यदेव पचौरी के कानपुर का सांसद बनने पर सतीश महाना को उनके विभाग भी अतिरिक्त रूप में मिले. बीजेपी के विपक्ष में रहने के दौरान पार्टी की ओर से सदन के उप नेता भी रह चुके हैं.


सतीश महाना लगातार 8 बार से विधायक हैं. 5 बार कैन्ट से और 3 बार महाराजपुर से विधायक बने. 1991 में कानपुर कैन्ट विधानसभा से पहली बार विधायक चुने गए.  पांच बार कैन्ट विधान सभा से 2012 तक विधायक रहे. साल 2012 में परसीमन बदलने के कारण महाराजपुर से विधायक चुने गए. 


इसे भी पढ़ें:


UP Politics News: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से छिना अहम विभाग PWD, जानिए- नई सरकार में किसका कद घटा-बढ़ा