UP Assembly Election 2027: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी 2027 में हैट्रिक लगाने की तैयारी में जुट गई हैं. जिसके लिए पार्टी की ओर से अभी से रणनीति तैयार की गई है. बीजेपी की नजर ऐसे प्रत्याशियों पर होगी, जो चुनाव में जीत को सुनिश्चित कर सकें. इसके लिए पार्टी की ओर से विधायकों का ऑडिट किया जाएगा, जिसमें विधायकों का पूरा ब्योरा तैयार किया जाएगा. जो विधायक जनता की कसौटी पर खरा उतरेगा उसके आधार पर ही टिकटों का फैसला लिया जाएगा. 

बीजेपी ने अभी से प्रदेश की सभी 403 सीटों पर अपने विधायकों और दिग्गज नेताओं के काम काज को ब्योरा तैयार करना शुरू कर दिया है और ये जानने की कोशिश की जा रही है कि कौन से विधायक का काम कैसा है. जनता में उनकी छवि और प्रभाव कितना है. पार्टी के कामों और जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर कौन कितना एक्टिव है. अगर उन्हें टिकट दिया जाता है तो उनकी जीत की संभावना कितनी होगी. 

ऑडिट के आधार पर होगा टिकटों का वितरणपार्टी सूत्रों के मुताबिक विधायकों के ऑडिट की जिम्मेदारी सरकार को सौंपी गई है और गोपनीय तरीके से इस पर काम भी शुरू हो गया है. इसे जानकारी में सीट के जातीय व सामाजिक समीकरण का ध्यान रखने को कहा गया है. विधायकों का आंकलन तीन हिस्सों 'ए' 'बी' और 'सी' बांटा जाएगा. इसमें सबसे कम अंक पाने वाले को सी श्रेणी और सबसे अधिक अंक वाले को ए श्रेणी में रखा जाएगा. इसके अलावा टिकट देने से पहले पार्टी विरोध दलों के उम्मीदवार और इलाके के जातीय समीकरण का भी आंकलन करेगी. 

इस ऑडिट में ये देखा जाएगा कि पहली और दूसरी के विधायकों को अपने क्षेत्र में काम कैसे रहा? उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए आवंटित कितनी राशि खर्च की है, जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर उनकी सक्रियता कैसी रही, जनता की समस्याओं के निवारण को किस तरह किया गया और जनता की नजर में विधायकों की छवि कैसी है. इसके साथ ही ये भी देखा जाएगा कि अगर पार्टी उन्हें टिकट देती है तो उनमें जीतने की कितनी क्षमता है.     

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