फेफना विधानसभा सीट का गठन 2012 में हुआ था. अब तक के दो चुनाव में इस सीट पर कराए गए हैं. दोनों ही बार बीजेपी जीती है. दोनों बार बीजेपी ने उपेंद्र तिवारी को टिकट दिया था. उपेंद्र तिवारी को बीजेपी सरकार ने मंत्री बनाया है. 2012 के मुकाबले 2017 में बीजेपी को ज्यादा वोट मिले. यादव और राजभर मतदाताओं की संख्या इस सीट पर अधिक है. राजभर की संख्या भी यहां अच्छी खासी है. सवर्णों की बात करें तो राजपूत और भूमिहार की संख्या भी यहां ठीक ठाक है.

फेफना में 2012 के चुनाव में सुहेलवेद भासपा के उम्मीदवार को 37 हजार वोट मिले थे. इस पार्टी ने 2022 के चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया है. यह समझौता बीजेपी के समीकरण को खराब कर सकता है. 

फेफना सीट पर 2017 के नतीजे

  • बीजेपी के उपेंद्र तिवारी को 70 हजार वोट मिले.
  • बसपा से लड़े अंबिका चौधरी को 52 हजार वोट.
  • अंबिका चौधरी सपा छोड़कर बसपा से लड़े थे.
  • सपा के संग्राम सिंह को 50 हजार वोट मिले थे.
  • रालोद के उम्मीदवार को 1 हजार वोट मिले थे.

फेफना सीट पर 2012 के नतीजे

  • बीजेपी के उपेंद्र तिवारी जीते, 51 हजार वोट.
  • सपा के अंबिका चौधरी को 43 हजार वोट मिले थे.
  • सुहेलदेव भासपा के संग्राम सिंह को 37 हजार वोट.
  • बसपा के शिवानंद सिंह को 29 हजार वोट मिले थे.
  • बसपा को 18 फीसदी से भी कम वोट मिले थे.

फेफना सीट का इतिहास

  • 2012 में फेफना विधानसभा सीट बनी.
  • अब तक के दो चुनाव में बीजेपी ही जीती.
  • दोनों बार बीजेपी के उपेंद्र तिवारी जीते हैं.
  • उपेंद्र तिवारी को बीजेपी सरकार ने मंत्री बनाया.
  • 2012 के मुकाबले 2017 में बीजेपी को ज्यादा वोट.

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