योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले दारा सिंह चौहान ने रविवार को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले ली. सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में उन्होंने सपा की सदस्यता ली. इस अवसर पर उनके कई साथियों ने भी सपा की सदस्यता ली. इसमें बीजेपी और बसपा के पूर्व और वर्तमान पदाधिकारी शामिल थे. इसके साथ ही प्रतापगढ़ की विश्वनाथगंज सीट से अपना दल के विधायक आरके वर्मा ने भी सपा की सदस्यता ली. 


सपा में शामिल होने के बाद में दारा सिंह चौहान ने कहा कि दलितों-पिछड़ों ने बीजेपी की सरकार बनवाई. लेकिन योगी आदित्यनाथ ने दलितों-पिछड़ों के हितों की ही अनदेखी की. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में जब बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के बनाए संविधान के साछ छेड़छाड़ की गई तो उन्होंने सरकार और बीजेपी को छोड़ने का फैसला कर लिया. उन्होंने कहा कि जानवरों की गिनती तो हो रही है, लेकिन पिछड़ों की गिनती नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार बदलने पर देश और दुनिया के लोगों की निगाहें लगी हुई हैं.


अखिलेश यादव ने आदित्यनाथ पर क्या आरोप लगाए


इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनने के 3 महीने के भीतर जातिय जनगणना कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो दलितों-पिछड़ों को उनकी जनसंख्या के आधार पर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में लाभ दिया जाएगा.


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सपा में दारा सिंह चौहान का स्वागत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यह बहुत बड़ी लड़ाई है, जिसमें आप लोग सहयोग कर रहे हैं. हम सब साथ हैं, बीजेपी की जमानत जब्त करा देंगे. उन्होंने कहा कि लखनऊ और दिल्ली के झगड़े में बीजेपी के लोग एक दूसरे के इंजन के पहिए खोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी जी को गोरखपुर भेज दिया है. हम सब उनकी पक्की विदाई कर देंगे. सपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी ने लगातार झूठ का सहारा लिया. उनसे निगेटिव,विभाजनकारी, नफरत फैलाने वाली और लोगों को तोड़ने की राजनीति कर रही है.  अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी अच्छी पालिटिक्स, पॉजिटिव पालिटिक्स और विकास की राजनीति करेगी. 


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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी सरकार के साढ़े 4 साल 'सबका साथ, सबका विकास' की बात करते रहे और 80 बनाम 20 फीसदी की लड़ाई की बात कर रहे हैं.  बीजेपी के टिकट वितरण में सामाजिक न्याय का दावा करने पर अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री केवल यब बता दें कि गोरखपुर विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों में उन्होंने कितना सामाजिक न्याय किया है. 
झूठे सर्वे में जो भी दिखाएं..लेकिन सच्चाई हम जानते हैं. 


दारा सिंह चौहान ने क्यों छोड़ी बीजेपी


चौहान ने बीजेपी छोड़ते हुए योगी आदित्यनाथ की सरकार पर दलितों, पिछड़ों, किसानों और नौजवानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था. आजमगढ़ से आने वाले दारा सिंह चौहान ने राजनीतिक की शुरूआत एक छात्र नेता के रूप में की. साल 2014 का लोकसभा चुनाव चौहान ने बसपा के टिकट पर लड़ा था. लेकिन बीजेपी के हरिनारायण राजभर ने उन्हें हरा दिया था. इसके बाद वो बसपा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद उन्हें बीजेपी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने दारा सिंह चौहान को मऊ जिले की मधुवन सीट से उम्मीदवार बनाया. वो जीते भी. इसके बाद योगी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री का ओहदा मिला. 


किस किस दल में रह चुके हैं दारा सिंह चौहान


चौहान को दल-बदल में माहिर माना जाता है. छात्र राजनीति के बाद वो कांग्रेस में रहे. बाद में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. सपा ने 1996 में उन्हें राज्यसभा भेज दिया था. वो राज्यसभा में 2006 तक रहे. बाद में वो सपा छोड़ बसपा में शामिल हो गए. बसपा ने उन्हें 2009 के लोकसभा चुनाव में घोसी संसदीय सीट से टिकट दिया. इसके बाद वो पहली बार जीतकर लोकसभा पहुंचे.  लेकिन 2014 के चुनाव में मिली हार के बाद दारा सिंह चौहान ने बसपा छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया.