यूपी के अलीगढ़ का ताला उद्योग तो दुनिया भर में मशहूर है ही, लेकिन अब यहां की हस्तकला भी अपनी अलग पहचान बना रही है. इसी कड़ी में अलीगढ़ के आतिफ उर्ऱहमान और अदनान खान ने एक नई शुरुआत की है. उन्होंने पारंपरिक कांसा थालियों से हटकर एक खास हैंड पेंटेड थाली लॉन्च की है, जो पूरी तरह हाथों से बनी कारीगरी का अनूठा नमूना है.

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 यह थाली स्थानीय कारीगरों और एनजीओ से जुड़ी महिलाओं द्वारा तैयार की जाती है. इसमें की गई आकर्षक फ्लोरल पेंटिंग और यूनिक डिज़ाइन इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं. यही वजह है कि यह थाली मार्केट में तेजी से लोकप्रिय हो रही है.

क्या बताते हैं कारीगर

थालियां बनाने वाले कारीगर आतिफ व अदनान कहते हैं कि पहले उनकी यूनिट में साधारण कासा थालियाँ ही बनाई जाती थीं, लेकिन अब उन्होंने एक नया प्रयोग किया है. हैंड पेंटिंग की वजह से हर थाली अलग और बेहद खूबसूरत नजर आती है. 

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हालांकि इसमें ज्यादा मेहनत लगने के कारण इसकी कीमत साधारण थाली से थोड़ी अधिक है. जहाँ आम कासा थालियाँ 4 से 5 हजार रुपये में बिकती हैं, वहीं यह हैंड पेंटेड थाली लगभग 6 हजार रुपये तक उपलब्ध है. उनका कहना है कि इस थाली को एंटिक फॉर्म में भी संभालकर रखा जा सकता है क्योंकि यह पूरी तरह हस्तकला पर आधारित है. 

लगातार बढ़ रही है डिमांड

इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है और खासतौर पर दिवाली जैसे त्योहारों पर लोग इसे खरीदना पसंद कर रहे हैं. मेड इन इंडिया प्रोडक्ट होने के कारण यह न केवल बाजार में लोकप्रिय हो रही है बल्कि इससे जुड़े कई लोकल कारीगरों और महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है.

शरीर के लिए फायदेमंद हैं थालियां

अलीगढ के केला नगर चौराहे के नजदीक रहने वाले आतिफ से जब बातचीत की तो उनके द्वारा बताया गया जहां आधुनिक युग में लोग प्लास्टिक और लोहे अन्य वस्तुओं के सामान को प्रयोग में लाते हैं.

वहीं पहले कांसे और पीतल के सामान को प्रयोग में लाते थे जिनका प्रयोग करने से शरीर में तमाम पोषक तत्व विकसित होते थे और लोगों को तमाम  बीमारियों से दूर करने का काम किया करते थे लेकिन अब यह पद्धति एक बार फिर लोगों के चलन में आने लगी है.

यही कारण है लोग प्लास्टिक लोहे और स्टील से परहेज कर रहे हैं और कांसे से और पीतल के समान को ज्यादा खरीद रहे हैं ऐसे ही अब कांसे की थाली इस बार लोगों की पहली पसंद बन चुकी है यह डिमांड बाजार में सर चढ़कर देखी जा रही यही कारण उनके द्वारा अब कांसे की थाली का अत्यधिक निर्माण कराया जा रहा है.