उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों और प्रभावित स्थलों की गिनती के आदेश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सफाई दी. जिला बीएसए ने कहा कि विभाग द्वारा कुत्तों की गिनती के लिए ड्यूटी नहीं लगाई गई है. बल्कि उन्हें कुत्तों के संबंध में विवरण उपलब्ध कराने को कहा गया है.
अलीगढ़ जिला अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा सुप्रीम कोर्ट के 22 अगस्त और 7 नवंबर को संस्थागत क्षेत्र में आवारा कुत्तों के प्रबंध के संबंध में जनपद के सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, अशासकीय सहायता प्राप्त व मान्यता प्राप्त स्कूलों के परिक्षेत्र आवारा कुत्तों के विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे.
आवारा कुत्तों की गिनती के आदेश पर सफ़ाई
बीएसए ने कहा कि इस संबंध में शिक्षकों द्वारा आवारा कुत्तों की गिनती कराए जाने का आदेश देने का दावा किया जा रहा है लेकिन, ये एकदम गलत है शिक्षा विभाग द्वारा कुत्तों की गिनती के लिए किसी अध्यापक की ड्यूटी नही लगाई गई है. विभाग ने इस ख़बर का पूरी तरह से खंडन किया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सभी राज्यों को संस्थागत क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के प्रबंधन को लेकर आदेश दिया था. इसी क्रम में शासन ने कुत्तों से आतंक से प्रभावित क्षेत्रों की पहचान के आदेश दिए थे.
अलीगढ़ बीएसए ने जारी किया था आदेश
इस संबंध में बीएसए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया गया था. जिसमें सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, खेल परिसर, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन परिसरों की दो सप्ताह में पहचान कर आवारा कुत्तों का चिन्हीकरण करने और उनका विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे.
शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में नगर निकाय व पशु कल्याण विभाग से समन्वय स्थापित कर आवारा कुत्तों का विवरण जिला मुख्यालय पर प्रेषित करने को कहा गया था ताकि शासन द्वारा इस पर आगे काम किया जा सके. आवारा कुत्तों को लेकर दिए गए इन निर्देशों को लेकर शिक्षकों में भी काफी नाराजगी देखने को मिल रही है. उन्होंने इसे शिक्षक पद की मर्यादा और सम्मान के खिलाफ बताया है.