उत्तर प्रदेश में ठंड के साथ हवा में प्रदूषण बढ़ गया है. दिवाली के बाद तो दिल्ली सटे नोएडा, गाजियाबाद में हालात बेहद खराब हो गए थे. प्रदूषित हवा की वजह से सांस लेना मुश्किल हो गया था, लेकिन बुधवार को इन जिलों में प्रदूषण में थोड़ी कमी देखने को मिली है. हालांकि हवा अब भी खराब की श्रेणी में बनी हुई है. जबकि मेरठ प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. 

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उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती जा रही है हवा में प्रदूषण के बढ़ने से स्थिति भी खराब होने लगी हैं. दिल्ली से सटे जिलों में हवा सबसे प्रदूषित बनी हुई हैं. नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर जैसे शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से 300 के बीच रिकॉर्ड किया गया. ये आंकड़े ख़राब से बेहद खराब की श्रेणी में आते हैं. 

मेरठ की हवा सबसे ज्यादा ख़राब

यूपी में मेरठ सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर बना हुआ हैं. मेरठ में सर्दी और ख़राब हवा दोनों का सितम देखने को मिला रहा हैं. पिछले एक सप्ताह से यहां हवा में प्रदूषण का स्तर लगातार 250 से 350 के बीच बना हुआ हैं. जो लोगों के लिए बेहद घातक है.

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केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक बुधवार सुबह छह बजे मेरठ के पल्लवपुरम में हवा में प्रदूषण का स्तर 322 रिकॉर्ड किया गया, जबकि जयभीम नगर में 316 और गंगानगर में 248 एक्यूआई दर्ज किया गया. 300 से ज्यादा एक्यूआई बेहद ख़राब हवा की श्रेणी में आता है. 

मौसम विभाग के मुताबिक़ 30 अक्टूबर के बाद से मेरठ के लोगों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि गुरुवार को यहां तेज हवाओं के साथ बारिश का अनुमान जताया गया है. 

नोएडा-गाजियाबाद की हवा भी खराब

मेरठ के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के हाल भी ज्यादा अच्छे नहीं है. बुधवार को यहां प्रदूषण की मात्रा में थोड़ी कमी जरूरी देखी गई लेकिन ये कब तक रहेगी कहना मुश्किल हैं. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में आज सुबह एक्यूआई लेवल 265 रिकॉर्ड किया गया.

नोएडा के सेक्टर 116 में 287 एक्यूआई रहा, नोएडा सेक्टर 62 में 263 एक्यूआई दर्ज किया है. गाजियाबाद के वंसुधरा में 298, लोनी में 259, संजय नगर में 227 और इंदिरापुरम में हवा में प्रदूषण की मात्रा 210 तक रिकॉर्ड की गई है. इसके अलावा मुजफ्फरनगर में 258 और हापुड़ में एक्यूआई 256 रहा. जो ख़राब श्रेणी की हवा में आता है.