UP News:  उत्तर प्रदेश अब केवल कृषि और पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में शुरू की गई ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) नीति 2024 के जरिए यूपी को वैश्विक टेक्नोलॉजी और डिजिटल सेवाओं का केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं. इस नीति का लक्ष्य फॉर्च्यून 500 कंपनियों और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) को आकर्षित कर अगले 5 वर्षों में 2 लाख से अधिक हाईटेक नौकरियां सृजित करना और यूपी को $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में मजबूत आधार तैयार करना है.

GCC नीति 2024 के तहत नोएडा, लखनऊ, कानपुर, और वाराणसी जैसे शहरों को टेक्नोलॉजी और डिजिटल सेवा केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा. नोएडा, जो पहले से ही सैमसंग और एडोब जैसे वैश्विक दिग्गजों का केंद्र है, को और मजबूत किया जाएगा. वहीं, लखनऊ में प्रस्तावित AI सिटी और डेटा सेंटर पार्क इसे डिजिटल इनोवेशन का हब बनाएंगे. यह नीति आईटी, बीपीओ, R&D, और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगी, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे.

निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहन

यूपी सरकार निवेशकों को लुभाने के लिए कई प्रोत्साहन दे रही है, जिनमें शामिल हैं:

  • 30-50% भूमि सब्सिडी और 100% स्टांप ड्यूटी माफी.
  • 25% पूंजी सब्सिडी (लेवल-1 के लिए 10 करोड़ और एडवांस्ड GCC के लिए 25 करोड़ तक).
  • SGST प्रतिपूर्ति, 5% ब्याज सब्सिडी, और 20% संचालन सब्सिडी (लेवल-1 के लिए 40 करोड़ और एडवांस्ड के लिए 80 करोड़ तक).
  • प्रत्येक कर्मचारी के लिए 1.8 लाख रुपये तक की पेरोल सब्सिडी.

फॉर्च्यून 500 या इंडिया 500 कंपनियों और 100 करोड़ रुपये से अधिक FDI लाने वाली कंपनियों के लिए विशेष इंसेंटिव पैकेज भी तैयार किया गया है.

लेवल-1 और एडवांस्ड GCC के लिए नियम

नीति में निवेश के लिए स्पष्ट मानदंड तय किए गए हैं:

  • लेवल-1 GCC: गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद के बाहर 15 करोड़ रुपये या 500 कर्मचारी, इन जिलों में 20 करोड़ रुपये.
  • एडवांस्ड GCC: 50-75 करोड़ रुपये का निवेश और 1000 कर्मचारी.यह छोटे और बड़े दोनों निवेशकों को आकर्षित करने में मदद करेगा.

स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा

GCC नीति स्टार्टअप्स और नवाचार को प्रोत्साहित करने पर भी जोर देती है. इसके तहत:

  • 50% स्टार्टअप आइडिएशन लागत प्रतिपूर्ति (2 करोड़ रुपये तक).
  • पेटेंट के लिए 5-10 लाख रुपये की IPR सब्सिडी.
  • सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस के लिए 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान.

ये कदम यूपी को टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन का केंद्र बनाएंगे.

यूपी की ताकत: स्किल्ड टैलेंट और इंफ्रास्ट्रक्टर

यूपी में 56% कार्यशील उम्र की आबादी और 8,375 उच्च शिक्षा संस्थान, जैसे IIT कानपुर और IIM लखनऊ, स्किल्ड टैलेंट की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं. इसके अलावा, गंगा एक्सप्रेसवे, नोएडा और कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, और 40 IT पार्क व 25 SEZ जैसे इंफ्रास्ट्रक्टर निवेशकों के लिए आकर्षक हैं.

वैश्विक मंच पर यूपी

GCC नीति के जरिए यूपी बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों की तरह नॉलेज इकोनॉमी का हिस्सा बनने को तैयार है. माइक्रोसॉफ्ट और MAQ सॉफ्टवेयर जैसी कंपनियां पहले ही नोएडा में अपने केंद्र स्थापित कर चुकी हैं. यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि यूपी के युवाओं को वैश्विक अवसरों से जोड़ेगी.