UP News: खरीफ फसल की बुवाई के महत्वपूर्ण समय में कृषकों को निर्धारित दर पर समय से उर्वरक उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने लखनऊ में औचक निरीक्षण कर उर्वरक वितरण व्यवस्था की हकीकत परखी और अनियमितता पाए जाने पर तत्काल कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए.

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जिला कृषि अधिकारी लखनऊ के साथ संयुक्त रूप से किए गए निरीक्षण में मैसर्स पाल खाद भण्डार, कल्याणपुर, इंटौजा, बक्शी का तालाब के प्रतिष्ठान में विक्रय रजिस्टर में कृषकों का पूर्ण विवरण दर्ज न किया जाना पाया गया, जिससे वितरण की पारदर्शिता संदिग्ध पाई गई. पूर्व में स्पष्ट निर्देशों के बावजूद आवश्यक अभिलेख न रखने पर फर्म को कारण बताओ नोटिस जारी करने और कार्य दिवस में साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.

कई उर्वरक केंद्रों का किया निरिक्षणइसी क्रम में मैसर्स किसान खाद भण्डार, (रिटेल आईडी-546619), ग्राम व पोस्ट बेहटा, बक्शी का तालाब, लखनऊ में निरीक्षण के दौरान यूरिया उर्वरक का विक्रय निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर किए जाने की पुष्टि हुई. कृषि मंत्री के आदेश पर तत्काल प्रभाव से फर्म का उर्वरक विक्रय प्राधिकरण निलंबित कर दिया गया है. फर्म को दो कार्य दिवस के भीतर तर्क-संगत स्पष्टीकरण एवं अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा गया है. निलंबन अवधि में फर्म का उर्वरक व्यवसाय प्रतिबंधित रहेगा.

निरीक्षण के दौरान जब फर्म से अधिक दर पर बिक्री का कारण पूछा गया तो फर्म द्वारा बताया गया कि इण्डोरामा कम्पनी का यूरिया उर्वरक मैसर्स ओम प्रकाश जयप्रकाश (थोक विक्रेता, आईडी-223138), बहरौली, गोशाईगंज, लखनऊ द्वारा अधिक दर पर विक्रय किया जा रहा है. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने स्वयं कृषकों से दूरभाष पर बात कर इस बात की पुष्टि की. यह कृत्य उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है.

त्वरित कार्रवाई कर निलंबित किए विक्रय प्राधिकारउक्त प्रकरण में मैसर्स ओम प्रकाश जयप्रकाश का थोक उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. फर्म को दो कार्य दिवस में साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. निलंबन अवधि में फर्म का उर्वरक व्यवसाय पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा.

कृषि मंत्री शाही ने सख्त चेतावनी दी है कि किसानों को अनावश्यक आर्थिक बोझ न उठाना पड़े, इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग एवं विक्रेताओं की है. उन्होंने कहा कि उर्वरक आपूर्ति में गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. प्रदेश भर में उर्वरक वितरण की सघन निगरानी की जा रही है और किसी भी स्तर पर लापरवाही या कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.