Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद (Sonbhadra) के दौरे पर पहुंचे अपर पुलिस महानिदेशक राम कुमार ने चुर्क स्थित पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इससे पहले एडीजी ने गार्ड की सलामी ली और जिले की कानून व्यवस्था बेहतर बनाए रखने के लिए कई निर्देश दिए. पुलिस लाइन में अपराध नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा और इसको लेकर रणनीति बनाने के बाद एडीजी ने मीडिया के सवालों का जवाब दिया.


एडीजी बनने के बाद सोनभद्र का था पहला दौरा 


बता दें कि एडीजी बनने से पहले रामकुमार पूर्व में जिले में बतौर एसपी तैनात रह चुके हैं, इस नाते यहां होने वाले अपराधों और यहां की भौगोलिक स्थितियों की उन्हें अच्छी जानकारी है. तैनाती के चंद दिन बाद ही उनके निर्देश पर कोयला तस्करी पर अंकुश के लिए चला अभियान और एक ही रात में 12 ट्रक कोयले की बरामदगी के साथ ही 20 की गिरफ्तारी सामने आ चुकी है. एडीजी बनने के बाद उनका सोनभद्र में पहला दौरा था. माना जा रहा है इस बार भी पुलिस की तरफ से जल्द ही बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है.


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साइबर क्राइम, सीमा पार से होने वाली तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पुलिस विशेष अभियान चलाएगी. इसके लिए जनपद के प्रत्येक थाने पर साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की जाएगी.


पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक


वहीं सीमावर्ती राज्यों की पुलिस से समन्वय स्थापित कर मादक पदार्थों - हथियारों की तस्करी एवं अपराधों पर नियंत्रण के लिए प्रभावी रणनीति पर अमल किया जाएगा. इसको लेकर एडीजी (वाराणसी जोन) रामकुमार ने मंगलवार की दोपहर जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की. सीमावर्ती राज्यों की पुलिस से बेहतर समन्वय बनाकर प्रभावी अभियान चलाने का निर्देश दिया.


डीआईजी रामकुमार ने बताया कि सोनभद्र की सीमा मध्यप्रदेश , छत्तीसगढ़ , झारखंड और बिहार से जुड़ी हुई हैं. इस नाते यहां की परिस्थितियां संवेदनशील हैं. इस नाते सभी थानों, चेकपोस्टों को अलर्ट रहने को निर्देश तो दिए ही गए हैं. क्षेत्राधिकारियों को भी अपराध नियंत्रण में अपनी महत्वपूर्ण निभाने के लिए सजग रहने को कहा गया है. कहा कि अपराधियों की धर-पकड़ के साथ ही उनकी पूरी गैंग की पहचान करने और उन पर प्रभारी कार्रवाई सुनिश्चित करने की हिदायत दी गई है.


सीमा पार से होने वाली तस्करी और अपराधियों की आवाजाही पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पड़ोसी राज्य की पुलिस से बेहतर समन्वय स्थापित कर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. जिले में भूमि संबंधी और बंटवारे को लेकर होने वाले विवादों पर भी नजर रखने की हिदायत दी गई है. कहा कि अपराधियों की धर-पकड़ के साथ ही अपराध पर प्रभावी नियंत्रण बना रहे, इसके लिए जिले के सभी पुलिस अधिकारी आपस में समन्वय बनाए रखने के साथ ही, पड़ोसी राज्यों की पुलिस से भी समन्वय स्थापित कर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.


एडीजी ने बताया कि पिछले कई सालों से जिले में नक्सल गतिविधियां न के बराबर हैं. फिर भी किसी तरह की अवांछनीय गतिविधि या तत्वों का पनपने का मौका न मिलने पाए , इसके लिए पुलिस लगातार सक्रियता बनाए रखेगी.  जरूरतमंदों की मदद, ग्रामीणों के समस्याओं की जानकारी कर उसका समाधान कराने का प्रयास बना रहेगा. पुलिस-जनता के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित रहे, इस पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है.


प्रत्येक थाने पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्णय


एडीजी ने कहा कि बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए जिले के प्रत्येक थाने पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. इस हेल्प डेस्क के जरिए जहां लोगों को फ्रॉड काल की पहचान करने और उसकी हेल्पलाइन 1903 पर तत्काल जानकारी देने के लिए जागरूक किया जाएगा.


वहीं हेल्प डेस्क पर तैनात रहने वाले पुलिसकर्मी को साइबर क्राइम से संबंधित कंप्लेन साइबर पोर्टल पर डलवाने और एफआईआर में तब्दील करवाने की प्रक्रिया आदि के बाबत प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा. कहा कि इस कार्य में क्षेत्राधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है. इसलिए उन्हें हेल्प डेस्क को प्रभावी बनाने के लिए कई जानकारियां दी गई हैं. आगे भी उनके जरिए हेल्प डेस्क को उपयोगी बनाने की पहल बनी रहेगी.


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