यूपी: रायबरेली में अवैध शराब का जखीरा बरामद, आबकारी विभाग पर उठे सवाल
स्वाट टीम प्रभारी अमरेश त्रिपाठी और सरेनी थाना क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक रावेंद्र सिंह पूरे दलबल के साथ चारों तरफ से छापेमारी की, जिसमें मौके से लगभग 1450 लीटर रेक्टिफाइड स्पिरिट बरामद हुई.

रायबरेली: आबकारी विभाग के नाक के नीचे चल रहे अवैध शराब के व्यापार का पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया है. बरामद अवैध शराब की बाजारी कीमत लगभग चार लाख, 50 हजार रुपये बताई जा रही है. पुलिस ने मौके से तीन अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया है. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि आबकारी की सक्रियता के बावजूद इस तरह धड़ल्ले से अवैध शराब का व्यापार कैसे होता है. मामले में संबंधित आबकारी निरीक्षक का क्या रोल है. मामला सरेनी थाना क्षेत्र के तखतखेड़ा का है. जहां फार्महाउस पर अवैध शराब का बड़ा खेल चल रहा था.
लाखो के अवैध शराब का चल रहा था खेल
सरेनी थाना क्षेत्र के तखत खेड़ा के रहने वाले कौशलेंद्र सिंह, शैलेश सिंह और राम गिरीश जायसवाल अवैध शराब का बड़ा खेल खेल रहे थे. ये लोग तखटखेड़ा गांव में ही बने फार्महाउस पर बड़े खुफिया तरीके से अवैध शराब बनाकर उसे मोटे दामों पर बेचने का काम कर रहे थे. फार्महाउस में गड्ढा खोदकर उसके ऊपर बांस की पटरियां रखकर ढक दिया जाता था. उसी के नीचे रेक्टिफाइड स्पिरिट के केन रखे जाते थे और वहीं से निकाल कर आवश्यकता अनुसार अवैध शराब बनाई जाती थी और उस पर मनचाहा रैपर लगाकर उसकी सप्लाई की जाती थी. लेकिन आबकारी विभाग को इस बात की सूचना औपचारिक रूप से नहीं थी या कह सकते हैं कि आबकारी विभाग की मिलीभगत से यह खेल चल रहा था.
पुलिस को इस खेल की सूचना मिली तो उसने एक स्टोरी क्रिएट की, जिसमें स्वाट टीम प्रभारी अमरेश त्रिपाठी और सरेनी थाना क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक रावेंद्र सिंह पूरे दलबल के साथ चारों तरफ से छापेमारी कर दी. जहां मौके से लगभग 1450 लीटर रेक्टिफाइड स्पिरिट बरामद हुई. साथ ही कुछ शराब की बोतलें भी पुलिस ने बरामद की. इतना ही नहीं शराब की बोतलों पर लगाने वाले रैपर के साथ अन्य सामग्रियों को भी पुलिस ने बरामद किया. साथ ही मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल का रास्ता दिखाया.
सबसे खास बात यह है कि पूछताछ के दौरान अवैध शराब के व्यापारियों ने यह कुबूला कि अवैध शराब बनाकर रायबरेली जनपद के ही विभिन्न ठेकों पर इसकी सप्लाई की जाती थी. जो सरकारी ठेके आबकारी विभाग के तहत आते हैं और उस पर निगरानी करने के लिए आबकारी निरीक्षक की तैनाती भी होती है, उन्हीं की नाक के नीचे अवैध शराब के व्यापार का खेल कैसे चल रहा था? क्या आबकारी निरीक्षकों की लापरवाही थी या फिर उनकी मिलीभगत. दोनों में कोई एक तो बात थी, जिसकी शह पाकर ये अवैध शराब के कारोबारी अपने कारोबार की जड़े फैलाकर काम कर रहे थे.
मामले में अब आबकारी निरीक्षकों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए, जिससे साबित हो सके कि यह जो सरकारी ठेकों पर अवैध शराब का खुला खेल चल रहा था, वह इनकी मिलीभगत से था या इनकी लापरवाही से.
क्या कहना है एसपी श्लोक का
पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि पूरे प्रदेश में अवैध शराब के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत स्वाट टीम और सरेनी के प्रभारी निरीक्षक को सूचना मिली की तखतखेड़ा गांव में अवैध शराब का व्यापार चल रहा है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने छापेमारी की तो मौके से 29 बैरल आप मिश्रित शराब/ रेक्टिफाइड स्पिरिट एक फॉर्म हाउस से बरामद हुई. साथ ही दो फार्महाउस के लोगों के साथ सप्लाई करने वाले एक व्यक्ति को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया. पूछताछ में पता चला कि फतेहपुर जिले से यह रेक्टिफाइड स्पिरिट लाते थे और अवैध शराब बनाकर जिले के ही विभिन्न ठेकों पर इसी सप्लाई करते थे. बाकी अन्य जांचे चल रही हैं.
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Source: IOCL





















