Umesh Pal Murder: बरेली आने वाली यूपी 70 नंबर की 500 गाड़ियों पर SIT की नजर, मालिकों से हो सकती है पूछताछ
Umesh Pal Murder: एसआईटी ने तीन टोल प्लाजा से यूपी 70 नंबर की गाड़ियों की डिटेल निकलवाई है. जिसमें पता चला है कि जनवरी से अब तक 500 गाड़ियां ऐसी गाड़ियां बरेली आईं है.

Umesh Pal Murder Update: उमेश पाल हत्याकांड के तार बरेली जेल (Bareilly) में बंद अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के भाई अशरफ (Ashraf) से जुड़ने और उससे अवैध तरीके से मुलाकात करने के मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस अब इस मामले में बेहद गहराई से तफ्दीश में जुटी हुई है. इसके लिए अब पुलिस प्रयागराज (Prayagraj) के नंबर यूपी 70 की उन गाड़ियों की डिटेल खंगाल रही है जो लोग बरेली आए हैं. ऐसे में पुलिस अब उन लोगों से जल्द पूछताछ भी कर सकती है. एसआईटी उन लोगों से पूछताछ कर सकती है जिनकी गाड़ियों के नंबर यूपी 70 से हैं और वो बरेली आए हैं.
एसआईटी चीफ आईपीएस अफसर एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया की प्रयागराज के यूपी 70 की उन सभी गाड़ियों की डिटेल निकलवाई जा रही है जो बरेली आई है. एसआईटी ने तीन टोल प्लाजा से ये डिटेल निकलवाई है. नेशनल हाइवे 24 पर फतेहगंज पश्चिमी में बने टोल प्लाजा, नैनीताल हाईवे पर दोहना के पास बने टोल प्लाजा और सीतापुर में नेशनल हाइवे 24 पर बने टोल प्लाजा से डिटेल निकलवाई है, जिसमें पता चला है कि जनवरी से अब तक इसी साल में 500 गाड़ियां यूपी 70 नंबर की बरेली आई है. इन सभी की लोकेशन बड़े बाईपास के पास मिली जहां से जेल काफी पास है.
एसटीएफ की रडार पर 500 गाड़ियां
एसआईटी अब इन सभी नंबरों की गाड़ियों के मालिकों से संपर्क करेगी. उन सभी की कॉल डिटेल खंगाली जाएगी और पता लगाया जायेगा की कौन-कौन अतीक और अशरफ को जानते है या किसने उनसे मुलाकात की है. उसका किस तरह का इन माफियाओं से कनेक्शन है. अगर जांच में कुछ तथ्य मिलते है तो ऐसे लोगो की मुश्किलें बढ़ेंगी और एसआईटी इन लोगो से पूछताछ के बाद गिरफ्तार भी कर सकती है. फिलहाल पुलिस अलग अलग एंगल से जांच कर रही है. इसके अलावा अशरफ का सहयोग करने वाले जेल के अफसरों और कर्मचारियों के बैंक खातों की भी जांच की जाएगी.
गौरतलब है की अब तक इस मामले में बरेली केंद्रीय कारागार-2 के 7 कर्मचारियों पर अब तक गाज गिर चुकी है. जिसमे जेलर, डिप्टी जेलर समेत 7 लोग निलंबित किए जा चुके है. जिसमें जेल के दो बंदी रक्षक समेत 6 लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं. बड़ी बात ये है कि बंदी रक्षक शिवहरि अवस्थी और मनोज गौड़ का एक समय में जेल में उनका काफी रुतबा हुआ करता था लेकिन आज ये दोनो उसी जेल में बंद है और अपने काले कारनामों की सजा भुगत रहे है.
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