Uttarakhand UCC: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. शुक्रवार को यूसीसी वेबपोर्टल पर प्रदेशभर के जन सेवा केंद्रों में दूसरी मॉक ड्रिल आयोजित की गई. इस दौरान लॉगिन और अन्य तकनीकी समस्याओं का सामना किया गया, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने समय रहते इन्हें दूर कर लिया. अब राज्य सरकार यूसीसी को जल्द लागू करने की तैयारी में है.

दूसरी मॉक ड्रिल के दौरान जन सेवा केंद्रों से 2464 डमी आवेदन पंजीकृत किए गए. इनमें से 847 आवेदन दाखिल हुए, जिनमें 540 को स्वीकृत किया गया, 125 रद्द हुए और 182 लंबित रहे. मॉक ड्रिल का उद्देश्य था कि यूसीसी लागू होने के बाद आवेदन प्रक्रिया की दक्षता और समय-सीमा का मूल्यांकन किया जाए. अधिकारियों ने इसे सफल बताया और कहा कि तकनीकी बाधाओं को समय रहते दूर कर लिया गया है.

UCC पोर्टल की दूसकी मॉक ड्रिल सफल रहीगृह सचिव शैलेश बगोली ने कहा, "यूसीसी पोर्टल की दूसरी मॉक ड्रिल सफल रही है. अभ्यास आगे भी कराया जा सकता है. यूसीसी लागू होने के बाद भी समय-समय पर आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रहेंगे." मॉक ड्रिल के दौरान कई तकनीकी खामियों को दुरुस्त किया गया. पहली मॉक ड्रिल में आधार से ओटीपी न आने और केवाईसी सेक्शन में बड़ी वीडियो अपलोड न होने जैसी समस्याएं सामने आई थीं. इन समस्याओं का समाधान सॉफ्टवेयर को अपडेट कर किया गया है. दूसरी मॉक ड्रिल के दौरान भी कुछ जन सेवा केंद्रों से लॉगिन संबंधी बाधाओं की रिपोर्ट आई, जिन्हें तुरंत ठीक कर लिया गया.

यूसीसी पोर्टल पर सॉफ्टवेयर अपडेट की प्रक्रिया को सतत जारी रखा गया है. अधिकारियों के अनुसार, सॉफ्टवेयर को समय-समय पर अपडेट करना आवश्यक है ताकि प्रणाली की कार्यक्षमता बनी रहे. निबंधक और उप निबंधक स्तर पर पिछले अभ्यास में जो समस्याएं आई थीं, उन्हें भी इस मॉक ड्रिल से पहले ठीक कर लिया गया था. दूसरी मॉक ड्रिल की सफलता के बाद राज्य में यूसीसी लागू करने की तैयारी तेज हो गई है. हालांकि, प्रशिक्षण कार्यक्रम अभी भी जारी रहेगा. अधिकारियों का कहना है कि लागू होने के बाद भी समय-समय पर आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण और तकनीकी सुधार किए जाते रहेंगे.

तकनीकी खामियों का समाधान किया गयामॉक ड्रिल के दौरान जन सेवा केंद्रों की कार्यक्षमता का भी मूल्यांकन किया गया. इन केंद्रों के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया की गति और सटीकता परखी गई. इस बार भी डमी आवेदनों पर कार्यवाही की समय-सीमा का परीक्षण किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि दूसरी मॉक ड्रिल के अनुभव से यूसीसी की आवेदन प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी. लॉगिन, केवाईसी, ओटीपी जैसी तकनीकी खामियों का समाधान होने के बाद यह प्रणाली सुगम और जनता के लिए अधिक उपयोगी बन जाएगी.

समान नागरिक संहिता उत्तराखंड में लागू होने जा रही है, जो राज्य के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा. यह न केवल राज्य में कानून व्यवस्था को सरल बनाएगा, बल्कि विभिन्न समुदायों के लिए समानता का आधार भी तैयार करेगा. यूसीसी लागू होने के बाद, सरकार समय-समय पर प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करती रहेगी. अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि कब उत्तराखंड में यूसीसी को पूरी तरह लागू किया जाएगा.

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