राजधानी देहरादून में ट्रैफिक जाम की समस्या दिन पर दिन विकराल रूप लेती जा रही है. कभी शांत और सुव्यवस्थित मानी जाने वाली यह शहर अब लगातार ट्रैफिक के कारण जूझ रहा है. शहर की सड़कों पर दिनभर वाहनों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. खासकर दफ्तरों और स्कूल-कॉलेजों के समय सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आते हैं, जिससे आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
देहरादून में ट्रैफिक जाम का प्रमुख कारण तेजी से बढ़ती वाहन संख्या है. शहर में निजी वाहनों की भरमार हो गई है, वहीं सार्वजनिक परिवहन की सीमित सुविधा भी स्थिति को और बिगाड़ रही है. इसके अलावा, अव्यवस्थित पार्किंग, अतिक्रमण और सड़क किनारे लगे वाहन जाम की समस्या को और गहरा कर रहे हैं.
इसी बीच, चारधाम यात्रा और टूरिस्ट सीजन की शुरुआत ने पुलिस और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. इस मुद्दे को लेकर देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस महकमे के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं. उन्होंने बताया, “देहरादून एजुकेशन हब है और यहां लाखों की संख्या में छात्र पढ़ाई के लिए आते हैं. इसके अलावा, टूरिस्ट सीजन और चारधाम यात्रा की वजह से शहर में वाहनों का दबाव बढ़ता है. हमने ट्रैफिक लाइट की संख्या बढ़ाई है और तकनीक का इस्तेमाल कर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जा रही है.”
एसएसपी अजय सिंह ने यह भी बताया कि शहर में ऑटोमैटिक चालान व्यवस्था शुरू की गई है. इसके तहत ओवरस्पीडिंग करने वाले वाहनों की पहचान कर उन पर ई-चालान जारी किया जा रहा है. साथ ही, ट्रैफिक की गंभीर समस्या को लेकर जिला प्रशासन के समक्ष प्रस्ताव भी रखा गया है, ताकि आगामी समय में एक प्रभावी समाधान निकल सके.
जिलाधिकारी (डीएम) देहरादून सविन बंसल ने भी ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की बात कही है. उन्होंने बताया कि शहर में कई ऐसे जंक्शन थे जहां ट्रैफिक लाइट की व्यवस्था नहीं थी. “हमने ऐसे 11 जंक्शनों की पहचान कर वहां ट्रैफिक लाइट इंस्टॉल कर दी हैं. इसके अलावा, ट्रैफिक लाइट को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से इनेबल करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है.”
डीएम बंसल ने कहा कि शहर की ट्रैफिक समस्या को दूर करने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल सिस्टम विकसित किया जा रहा है, जिससे एक केंद्रीकृत व्यवस्था के तहत ट्रैफिक का संचालन और निगरानी की जा सके. साथ ही, ऑटोमैटिक पार्किंग सिस्टम विकसित करने की दिशा में भी काम जारी है, ताकि सड़क किनारे की अव्यवस्थित पार्किंग पर रोक लगाई जा सके.
प्रशासन और पुलिस विभाग के इन प्रयासों के बावजूद ट्रैफिक जाम से जूझ रहे शहरवासी अब जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि देहरादून में ट्रैफिक समस्या को सुलझाने के लिए दीर्घकालिक योजना, स्मार्ट तकनीक का उपयोग और जनभागीदारी आवश्यक है.
देहरादून की ट्रैफिक समस्या अब केवल एक ट्रैफिक पुलिस या प्रशासन की चुनौती नहीं रही, बल्कि यह शहर के समग्र विकास से जुड़ा विषय बन गया है. यदि समय रहते इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या न केवल लोगों की दिनचर्या को प्रभावित करेगी, बल्कि शहर के पर्यटन और शैक्षणिक महत्व को भी नुकसान पहुंचा सकती है.