हरिद्वार: हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है लेकिन कोविड-19 की वजह से हरिद्वार में कुंभ जैसी रौनक नहीं है. 12 अप्रैल के शाही स्नान पर भी हरिद्वार में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ज्यादा नहीं रही. पुलिस के मुताबिक कल शाम तक तकरीबन 32 लाख श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. जबकि 2010 के कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या इससे तकरीबन 4 गुने के करीब थी. कोविड-19 ने इस बार महाकुंभ के लिए श्रद्धालुओं के कदम रोक दिए वहीं सरकार की बंदिश की वजह से भी भारी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार नहीं पहुंच सके.


इस बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एक बार फिर चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कुंभ में मां गंगा की कृपा से कोरोना नहीं फैलेगा. रावत ने कहा कि कुम्भ और मरकज की तुलना करना गलत है. मरकज से जो कोरोना फैला वह एक बंद कमरे से फैला क्योंकि वे सभी लोग एक बन्द कमरे में रहे. जबकि हरिद्वार में हो रहा कुम्भ का क्षेत्र नीलकंठ और देवप्रयाग तक है.


सीएम ने कहा कि हरिद्वार में करीब 16 से ज्यादा घाट बनाये गए हैं. ऐसे में हरिद्वार कुम्भ और मरकज की तुलना नहीं की जा सकती. मुख्यमंत्री ने साथ ही कहा कि उनकी सभी से यह अपील है कि जो भी लोग कुम्भ में स्नान करें, वह सभी लोग कोविड की गाइड लाइन का पालन जरूर करें.


शाही स्नान के दौरान कोरोना नियमों की उड़ी धज्जियां


बता दें कि शाही स्नान के दौरान कई घाटों पर कोविड-19 के नियमों का पालन होता नजर नहीं आया. पुलिस साधु संतों की व्यवस्था में जुटी रही और तमाम श्रद्धालु बेरोकटोक घाटों पर स्नान करते रहे.12 अप्रैल को हरिद्वार में कोरोना के 400 से ज्यादा मामले आये जिसमें कुंभ क्षेत्र में तकरीबन 100 से ऊपर मामले थे. वहीं अखाड़ा की पेशवाई में तो कोविड-19 के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई.


अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी खुद कोरोना पॉजिटिव हैं और तबीयत बिगड़ने पर उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया है. पिछले 5 दिनों में नरेंद्र गिरी समेत 15 सन्त कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसमे तकरीबन 6 सन्त कल के शाही स्नान में पॉजिटिव मिले. ये आंकड़ा और भी बढ़ने की संभावना है. कोविड-19 के पिछले पांच दिन के आकड़ों  की बात करें तो अकेले हरिद्वार में 1500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.


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