10 दिन बाद भी कासगंज में सिपाही की पीट पीटकर हत्या करने और दरोगा को गंभीर घायल करने का मुख्य आरोपी मोती सिंह का पुलिस की गिरफ्त से बाहर बने रहना पुलिस की कार्यप्रणाली पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाता है. कासगंज जनपद में काली नदी के किनारे एक छोटे से गांव नगला धीमर में लगभग 30 साल का युवक अवैध शराब के निर्माण और उसकी तस्करी कर इतने बड़े स्तर पर काली नदी की कटरी में अवैध शराब का कारोबार करने लगा कि उसको स्थानीय लोग कटरी किंग कहने लगे. उसका भय इस कदर क्षेत्र में फैल गया कि पूरी कटरी में चप्पे चप्पे पर काम्बिंग कर रही पुलिस और उसके आला अधिकारियों के बीच भी उसके गांव नगला धीमर और आसपास का कोई शख्स उसके खिलाफ कैमरे पर  बोलने को तैयार नहीं है.
कासगंज जनपद की काली नदी के किनारे की कटरी अवैध शराब के कारोबार के लिए मुफीद है. आज घटना के 10वें दिन भी पुलिस के सिपाही देवेंद्र की पीट पीटकर हत्या करने और दरोगा अशोक को गंभीर घायल करने का मुख्य आरोपी, एक लाख रुपये का इनामी आखिरकार पुलिस की गिरफ्त से दूर बना हुआ है. दरअसल कासगंज जनपद में काली नदी की कटरी में पनप रहे और फलफूल रहे अवैध देशी शराब के निर्माण और उसकी बिक्री के द्वारा इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लेने के पीछे कोई 10/12 साल की अवधि निर्णायक है. लोगों का कहना है कि इस सब के पीछे पुलिस और शराब माफियाओं के गठजोड़ और मिली भगत एक बड़ा कारण है. यदि पुलिस पार्टी पर हमला कर शराब माफिया मोती और उसके साथियों ने सिपाही देवेंद्र की हत्या न की होती और दरोगा अशोक को गंभीर घायल न किया होता तो अवैध शराब के काले कारोबार का ये काला सच कभी भी सामने नहीं आता.
बदमाशों ने की थी एक पुलिसवाले की हत्या 
9 फरवरी को उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद में फिर बिकरु कांड जैसा भयावह कांड दुहराया गया, जिसमें एक हिस्ट्री शीटर बदमाश और शराब माफिया की तलाश में गई पुलिस को बंधक बनाकर शराब माफिया हिस्ट्री शीटर और उसके गुर्गों ने निर्ममता से लाठी, डंडों, और नुकीले हथियारों से पिटाई की और उनपर फायरिंग भी की. इस दौरान एक सिपाही देवेंद्र की पीट पीटकर हत्या कर दी गयी और एक दरोगा अशोक को मरणासन्न कर दिया गया. इस बीच घटना को अंजाम देकर आरोपी फरार हो गए. हालांकि, सिपाही की हत्या के 12 घंटे के अंदर ही कासगंज पुलिस ने सिपाही देवेंद्र की हत्या का बदला लेते हुए सिपाही की हत्या के एक आरोपी और मुख्य आरोपी मोती के सगे भाई को काली नदी के किनारे ही एनकाउंटर में मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद 11 तारीख को एक अन्य आरोपी नवाब को गिरफ्तार कर लिया और आज सिपाही की हत्या में षड्यंत्र रचने के आरोप में मोती की मां रूप देवी उर्फ सियारानी को भी गिरफ्तार कर लिया. मुख्य आरोपी मोती की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की आधा दर्जन से अधिक टीमें गठित की गयी हैं. उसपर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए सख्त निर्देश
इधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए आरोपियों पर एनएसए लगाए जाने के निर्देश दिए हैं और मृतक सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री लगातार इस मामले की स्वयं मोनिटरिंग कर रहे हैं. हो सकता है कि जल्द ही मुख्य आरोपी मोती को गिरफ्तार कर लिया जाए.
आईजी पीयूष मोर्डिया ने दिया सवालों का जवाब 
अलीगढ़ मंडल के आईजी पीयूष मोर्डिया से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि शीघ्र ही हम इस मामले में बाकी के लोगों को भी गिरफ्तार कर लेंगे. उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी मोती पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया जा चुका है. तकरीबन 5 या 6 टीमें इसमें लगी हुईं है और इसके अतिरिक्त जो अन्य थाने हैं जो टीम में बेशक न हों परन्तु अपने स्तर से सभी प्रयास कर रहे हैं कि हम अपने मुख्य आरोपी को जल्दी से गिरफ्तार कर लें. उन्होंने कहा कि इसके लिए आसपास के जनपदों की भी सहायता ली जा रही है.