Unnao News: तेलंगाना के नागर कुरनूल जिले में स्थित श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की सुरंग में फंसे इंजीनियर मनोज कुमार द्विवेदी को निकालने के प्रयास लगातार जारी हैं. बचाव अभियान में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF)और भारतीय सेना की टीमें लगी हुई हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है. इंजीनियर मनोज कुमार द्विवेदी उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के मटुकरी गांव के निवासी हैं और जेपी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी में कार्यरत हैं. उनके परिवार के सदस्यों की स्थिति बेहद दयनीय बनी हुई है.

घटनास्थल पर पहुंचे इंजीनियर की पत्नी स्वर्ण लता और उनके बहनोई राम आसरे उर्फ रजोल दीक्षित ने बताया कि सुरंग की मरम्मत के दौरान लगभग 13 किलोमीटर अंदर करीब 10 मीटर छत ढह गई थी. इसके कारण सुरंग के अंदर लगभग तीन किलोमीटर तक कीचड़ और मलबा भर गया है. एनडीआरएफ की टीमें मशीनों की मदद से कीचड़ और मलबा हटाने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन अब तक सुरंग में फंसे लोगों से कोई उत्तर नहीं मिल सका है.

प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने क्या कहा?मनोज कुमार द्विवेदी के बड़े भाई अरविंद द्विवेदी लखनऊ में रहते हैं और उनकी पत्नी संध्या द्विवेदी बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं. उनकी वृद्ध मां जमुना देवी, जो सेवानिवृत्त शिक्षिका हैं, अपने पैतृक गांव मटुकरी में रहती हैं. परिवार के अन्य सदस्य और रिश्तेदार भी मटुकरी गांव पहुंचकर मां को सांत्वना दे रहे हैं. प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने बताया कि टनल में फंसे तकनीकी कर्मचारियों में जम्मू-कश्मीर के दो, झारखंड के चार और पंजाब का एक कर्मचारी शामिल है. अधिकारियों ने सभी प्रभावित कर्मचारियों के परिजनों को सूचना दे दी है, और वे घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं.

बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है. हालांकि, सुरंग के अंदर से कोई संपर्क स्थापित न होने के कारण चिंता बढ़ती जा रही है. प्रशासन लगातार हरसंभव प्रयास कर रहा है ताकि जल्द से जल्द फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके.

ये भी पढ़ें: गिद्ध और सुअर वाले बयान पर भड़के अखिलेश यादव का पलटवार, सीएम योगी के लिए कही ये बात