उत्तर प्रदेश पुलिस में डीएसपी रहे ऋषिकांत शुक्ला ने निलंबन के बाद सफाई जारी की है. उनका दावा है कि उन्हें फंसाया गया. शुक्ला ने एक बयान में कहा कि उन्हें सरकार पर पूरा भरोसा है. बता दें शुक्ला मैनपुरी में तैनात थे. उन पर अखिलेश दुबे से संबंध के भी आरोप है. एक जांच में सामने आया है कि वह 100 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं. 

Continues below advertisement

एक बयान में शुक्ला ने कहा कि मेरी अखिलेश दुबे  से एक लीगल एडवाइजर और पुलिस अधिकारी के संबंध है. मैं उनसे जब भी कोई टेक्निकल मामला होता था इस संबंध में मैं उनसे कुछ लीगल एडवाइस के लिए जाता था और कानपुर की पोस्टिंग के दौरान और मेरी उनसे कई बातचीत भी हुई. कई लीगल एडवाइस भी लिया मेरे उनसे संबंध केवल लीगल एडवाइजर और एक पुलिस अधिकारी के हैं. एक दूसरा आरोप जो लगाया जा रहा है 33 कंपनियां मेरे बेटे के नाम से हैं. यह सरासर झूठ है. कोई भी ऐसी कंपनी मेरे बेटे के नाम से नहीं है और कोई भी इस तरह से बताता है यह भ्रामक सूचना है .गलत सूचना है.

Mirzapur Train Accident: मिर्जापुर के चुनार रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा, ट्रेन से कटकर 6 लोगों की मौत

Continues below advertisement

साजिश का मैं शिकार हो रहा हूं- ऋषिकांत शुक्ला

उन्होंने कहा कि  कुछ प्रॉपर्टी बताई गई मेरे पास आर्य नगर में मेरे दोस्त देवेंद्र द्विवेदी हैं, उनकी 92 करोड़ की प्रॉपर्टी 11 दुकान जो 92 करोड़ की है यह सरासर गलत है. देवेंद्र मेरे दोस्त हैं मेरी उनसे बात भी हुई थी यह तो उनको भी जानकारी नहीं है कि उनके नाम से कोई प्रॉपर्टी स्वरूप नगर या आर्य नगर में है तो उन्होंने मैं खुद इस बात से आश्चर्य चकित हूं. दूसरा एक यह हो रहा है कि मेरे पास 100 करोड़ की प्रॉपर्टी है. मेरा अखिलेश दुबे के साथ कोई कंस्ट्रक्शन कंपनी थी उसमें 100 करोड़ टर्नओवर है यह सरासर गलत है. मुझे लगता है कुछ अपराधी गैंग माफिया गैंग कुछ ऐसे लोग जिनके विरुद्ध मैंने कड़ी कार्रवाई की है, हो सकता है कि उनके पैरोकार किसी माध्यम से मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हों और उस साजिश का मैं शिकार हो रहा हूं.

शुक्ला ने लिखा कि जहां तक एसआईटी द्वारा मुझे सूचना देने की बात संपत्ति की जांच के बारे में बताया गया है, मुझे एसआईटी के द्वारा ऐसी कोई भी सूचना नहीं दी गई कि आपके विरुद्ध या आपके पास 100 करोड़ की प्रॉपर्टी है. पूर्व सीपी अखिल कुमार सर के बारे में या SIT के बारे में यह कहना है कि उनको कुछ लोगों के द्वारा गुमराह किया गया जिससे गुमराह होकर के उन्होंने मेरे विरुद्ध रिपोर्ट भेजी है. जहां तक मुझे लगता है कि अगर मैं उनका स्पष्टीकरण देता तो वह संतुष्ट हो जाते. मुझे अपने उच्च अधिकारियों, जांच अधिकारी और सरकार पर मुझे पूरा भरोसा है. मुझे जहां बुलाया जाएगा वहां पर जाएगा और अपनी बातों को तथ्य सहित रखूंगा.