लखनऊ, संतोष कुमार। फर्रुखाबाद में गुरुवार को 23 बच्चों को बंधक बनाकर सरकार को बैकफुट पर लाने की कोशिश को चंद घंटे में ही नाकाम कर दिया गया। एक तरफ खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डीजीपी ओपी सिंह पल-पल की जानकारी ले रहे थे वहीं दूसरी ओर बच्चों को सकुशल निकालना भी मुख्यमंत्री का पहला उद्देश्य था। 'ऑपरेशन मासूम' को अंजाम देने के लिए आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल मौके पर रवाना किये गये और महज 1:30 मिनट के अंदर ना सिर्फ 23 बच्चों को बचाया गया बल्कि बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम को मार गिराया गया।
रूस का एक वीडियो देखकर बनाई योजना
ऑपरेशन मासूम के पहले कुछ अनछुए पहलू समझ लीजिए। बच्चों को बंधक बनाने वाला सुभाष बाथम इस घटना के लिए बीते दो महीने से तैयारी कर रहा था। साल 2004 में रूस में बच्चों को बंधक बनाने की घटना का वीडियो डाउनलोड कर उसे देखकर पूरी योजना बनायी।
बच्चों को बंधक बनाने के बाद सुभाष बाथम को जिसने भी समझाने की कोशिश की वह फायरिंग कर देता था। वह फिर चाहे उसका अपना जमानतदार दोस्त ही क्यों ना हो। सुभाष बाथम ने पुलिस को धमकाने के लिए दो हवाई फायर कर धमकी दी कि उसने दो बच्चों को मार दिया है।
घर में दो दिन पहले ही नया शौचालय बनाया था। इंतजाम था कि अगर सरकार उसकी बात नहीं मानती है और बच्चों को ज्यादा दिन तक बंधक बनाया जाए तो उसका भी बैकअप प्लान तैयार था। ऑपरेशन मासूम को हेड कर रहे आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल ने एक ऐसी रणनीति बनाई जिसमें सुभाष फंस गया। पुलिस और लोगों की मदद से एक टीम घर के मुख्य दरवाजे पर पथराव करने लगी और दूसरी टीम को पीछे बने दरवाजे पर तैनात किया गया।
पीछे गई टीम ने जैसे ही दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया सुभाष बाथम बाहर आया। बाहर पब्लिक को देखकर वापस घर के तहखाने में गया। सामने पुलिस थी देसी तमंचे से फायर कर दिया। एसओजी के सिपाही ने अपनी एके-47 से मोर्चा संभाला और सुभाष बाथम को ढेर कर दिया। दरवाजा तोड़ने से लेकर सुभाष बाथम को ढेर करने के बीच में आईजी रेंज का अनुमान है कि 1:30 मिनट का वक्त लगा था।
आईजी रेंज की माने तो सुभाष ने इस घटना को अंजाम देने के लिए भारी मात्रा में गोला बारूद और देसी बम इकट्ठा कर रखे थे। अग्रवाल ने बताया कि ''सुभाष के घर से 315 बोर की रायफल, एक कट्टा और 20 कारतूस बरामद हुए हैं। इसके अलावा 135 देसी बम, सिलिंडर बम, काफी मात्रा में तार, बम बनाने की सामग्री भी बरामद की गई है।''