उत्तराखण्ड STF ने रुद्रपुर पुलिस के साथ मिलकर अंतर्राज्यीय हथियार तस्करी नेटवर्क के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया है. संयुक्त टीम ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए शातिर तस्कर मौ. आसिम को गिरफ्तार किया, जिसके कब्जे से 4 अवैध ऑटोमेटिक पिस्टल, एक डबल बैरल बंदूक और 40 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. यह बरामदगी प्रदेश में सक्रिय हथियार तस्करों के नेटवर्क के लिए बड़ा झटका साबित हुई है.
STF की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी मौ. आसिम कोई साधारण तस्कर नहीं, बल्कि लंबे समय से उत्तर भारत के हथियार तस्करी गैंग से जुड़ा हुआ है. उसका नाम 2016 में पंजाब के चर्चित नाभा जेल ब्रेक कांड से भी जुड़ा है, जहां उसने कुख्यात गैंगस्टरों को कारतूस सप्लाई किए थे. इसी मामले में वह करीब साढ़े छह साल तक पटियाला जेल में बंद रहा.
NIA ने 2023 में किए थे हथियार बरामद
इतना ही नहीं, 2023 में उसकी गन हाउस पर NIA ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई हथियार बरामद किए थे. इससे साफ है कि आरोपी पिछले कई वर्षों से अंतर्राज्यीय तस्करी गैंग की एक अहम कड़ी के रूप में काम कर रहा था.
पूछताछ में STF के सामने पिछले 10 वर्षों में अवैध हथियारों की विशाल सप्लाई चेन का खुलासा हुआ है. आरोपी ने उत्तराखण्ड, यूपी, हरियाणा और पंजाब के कई गैंगस्टरों को अवैध हथियार सप्लाई करने की जानकारी दी है. STF की कुमाऊं यूनिट पिछले कुछ महीनों में अब तक 16 पिस्टल, एक बंदूक और 40 कारतूस बरामद कर चुकी है तथा कुल 4 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है.
जल्द और गिरफ्तारियां होंगी
STF के SSP नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि यह गिरफ्तारी प्रदेश में सक्रिय अवैध हथियार नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक निर्णायक सफलता है. उन्होंने कहा कि पूछताछ के आधार पर आगे और गिरफ्तारियां तथा बरामदगियां संभव हैं.
इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उत्तराखण्ड STF प्रदेश और पड़ोसी राज्यों में फैले गैंग नेटवर्क पर पैनी नजर बनाए हुए है और अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर रही है.