भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में मतदाता गहन पुनरीक्षण की तारीख 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी है. 11 दिसंबर 2025, गुरुवार को आयोग ने शाम चार बजे के करीब इस आशय की जानकारी दी. आयोग के डिप्टी डायरेक्टर पी. पवन द्वारा हस्ताक्षरित पत्र के अनुसार यूपी में अब 26 दिसंबर 2025 तक फॉर्म भरे और आयोग को वापस किए जा सकेंगे.

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भारत निर्वाचन आयोग ने कहा कि  राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) से मिले अनुरोधों के आधार पर, भारत निर्वाचन आयोग ने  मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) का शेड्यूल, 01.01.2026 को क्वालिफाइंग तारीख मानते हुए संशोधित किया है.

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आयोग के अनुसार यूपी में रिवाइज्ड इन्यूमरेशन पीरियड 26 दिसंबर 2025 यानी शुक्रवार तक होगा और ड्राफ्ट रोल को प्रकाशित करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय की है.

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क्या बोले थे यूपी चुनाव आयोग के मुखिया?

इससे पहले 10 दिसंबर 2025 को राज्य चुनाव आयोग के प्रमुख नवदीप रिनवा ने बताया था कि  99.24 प्रतिशत जनगणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण हो चुका है. इनमें से 18.85 प्रतिशत - लगभग 2.91 करोड़ प्रविष्टियां - 'अपुष्ट' श्रेणी के अंतर्गत आती हैं, जिनमें 1.27 करोड़ मतदाता शामिल हैं जो स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं, लगभग 45.95 लाख मतदाता जिनकी मृत्यु हो चुकी है, 23.69 लाख डुप्लिकेट मतदाता, 9.58 लाख जिन्होंने अपने फॉर्म वापस नहीं किए हैं, और 84.73 लाख अनुपस्थित मतदाता शामिल हैं. उन्होंने बताया था कि 80 प्रतिशत से अधिक फॉर्म मतदाताओं या उनके परिवार के सदस्यों के हस्ताक्षर के साथ वापस आ चुके हैं. 

उधर, भारत निर्वाचन आयोग ने बीते दिनों कहा था कि जिन 12 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया जारी है, वहां मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने से पहले राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ-स्तरीय एजेंट को मृत, स्थानांतरित और अनुपस्थित मतदाताओं की सूची उपलब्ध कराई जाएगी.