Swami Prasad on Bageshwar Dham: सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shashtri) लेकर चल रहे विवाद के बीच अपनी प्रतिक्रिया दी है. स्वामी प्रसाद ने हमलावर अंदाज में कहा, 'धर्म के ठेकेदार ही धर्म का सौदा कर रहे हैं. यह देश का दुर्भाग्य है. समाज सुधारकों की कोशिशों से ही देश आज तरक्की की राह पर है. लेकिन दकियानूसी सोच वाले बाबा समाज में अंधविश्वास, ढकोसला और रूढ़िवादी परंपराओं को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.'
स्वामी प्रसाद ने आगे तंज कसते हुए कहा कि अगर बाबा के ही पास सारी बीमारियों का इलाज है तो सरकार ने बेकार में ही अस्पताल और मेडिकल कॉलेज चला रही है. ऐसे बाबा पर सरकार को नज़र रखने की जरुरत है. उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के नागपुर में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार लगा था जिसमें अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने उनपर जादू-टोना और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया गया था. एकतरफ जहां कई लोग धीरेंद्र शास्त्री का विरोध कर रहे थे तो उनके समर्थन में भी कई लोग खुलकर सामने आए जिनमें योग गुरु बाबा रामदेव भी शामिल हैं.
स्वामी प्रसाद ने की रामचरितमानस बैन करने की मांगउधर, स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस के कुछ दोहों को लेकर भी आपत्ति जताई है. स्वामी प्रसाद ने कहा, 'रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है. तुलसीदास की रामायण में कुछ ऐसे अंश हैं, जिन पर हमें आपत्ति है. किसी भी धर्म में किसी को गाली देने का हक नहीं है. तुलसीदास की रामायण में चौपाई है. इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं. धर्म के नाम पर विशेष जाति का अपमान किया गया. रामचरितमानस को पूरी तरह बैन कर देना चाहिए. रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है. ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए. क्या यही धर्म है? अगर सरकार तुलसीदास की रामचरितमानस को प्रतिबंधित नहीं कर सकती तो उन श्लोकों को रामचरितमानस से निकालना चाहिए.'
ये भी पढ़ें -