UP Election 2022: मिशन 2022 के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी हो या समाजवादी पार्टी दोनों दलों का फोकस संगठन की निचली इकाई बूथ को मजबूत और एक्टिव करने पर है. एक तरफ बीजेपी बूथ संपर्क अभियान आयोजित कर रही है, वहीं समाजवादी पार्टी ने बूथ जोड़ो अभियान के तहत हर बूथ पर 50 नए मतदाता जोड़ने का लक्ष्य रखा है. 


बूथ मजबूत करने में जुटी बीजेपी 


'बूथ जीता, चुनाव जीता' सभी राजनीतिक दलों के लिए चुनाव में यह मूल मंत्र होता है. इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कुछ दिन पहले आगरा आए थे. तब उन्होंने आगरा के कार्यकर्ताओं को एक मंत्र दिया था "सक्रिय मंडल, सक्षम बूथ" और इसी मंत्र को आगे बढ़ाने के लिए कार्यकर्ताओं में उन्होंने जोश भरा था और अब बीजेपी की महानगर इकाई इसी मूल मंत्र को सफल बनाने में जुट गई है. बीजेपी के महानगर अध्यक्ष भानु महाजन के मुताबिक बूथ पर उनका पूरा फोकस है और उसके साथ ही उससे भी छोटी इकाई पन्ना पर भी संगठन को मजबूत करने की मुहिम जारी है. जिसमें पन्ना प्रमुखों का गठन के साथ ही पन्ना प्रमुख समितियों का गठन भी शामिल है. मतदाता बढ़ाने को लेकर लगातार बीजेपी का जोर बना हुआ है. 


लाभार्थियों को बीजेपी से जोडा जाए


बीजेपी के महानगर अध्यक्ष भानु महाजन कहते हैं कि, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के नारे के साथ केंद्र सरकार की 44 योजनायें जो उत्तर प्रदेश में नंबर वन पर हैं, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है. हमारी कोशिश है कि, इन लाभार्थियों को बीजेपी से जोड़ा जाए. साथ ही बूथ संपर्क अभियान के तहत हम 1811 बूथ,  400 शक्ति केंद्र, 22 मंडल और चारों विधानसभाओं में संगठन को बूथ लेवल पर एक्टिव और ऊर्जा भरने का काम कर रहे हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं के पत्रक वितरित किए जा रहे हैं.


सपा का बूथ जोड़ो अभियान 


वहीं, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष वाजिद निसार का कहना है कि 'बूथ जोड़ो अभियान' के तहत हमारा लक्ष्य हर एक बूथ पर समाजवादी पार्टी में निष्ठा रखने वाले 50 मतदाताओं को कम से कम जोड़ना है और हम पिछले 3 महीनों से हर बूथ पर वोट बढ़वाने का काम कर रहे हैं. अभी तक हमारी पार्टी ने कई हजार लोगों के वोट डालने के लिए मतदाता पहचान पत्र बनवाने का काम किया है और यह काम लगातार जारी है और हमारा नारा है "एक बूथ, 10 यूथ" और ऐसे में बूथ के साथ-साथ सेक्टर प्रभारी को भी जिम्मेदारी दी गई है कि उसके अधीन आने वाले बूथों पर सक्रियता से लगे रहें.


अखिलेश सरकार की उपलब्धियां 


साथ ही नुक्कड़ सभाओं को आयोजित कर अखिलेश सरकार के समय की उपलब्धियों और उस दौर के कार्यकाल को लोगों को याद दिलाया जा रहा है कि किस तरह से अखिलेश सरकार के समय विकास की योजनाएं चली थीं और उससे कैसे लोगों की जिंदगी में परिवर्तन आया. अखिलेश सरकार के कार्यकाल की योगी आदित्यनाथ सरकार से तुलना करके अखिलेश सरकार के समय को बेहतर बताने की कोशिश की जा रही है. समाजवादी पार्टी के मेन बॉडी के साथ फ्रंटल संगठनों को भी पूरी तरह से एक्टिव किया गया है और समाजवादी पार्टी का लक्ष्य है कि हर एक विधानसभा पर कम से कम 5 हजार नए मतदाताओं को जोड़ा जाए ताकि मिशन 2022 पूरी तरह से धरातल पर साकार हो सके. कुल मिलाकर यह है जिस भी पार्टी का संगठन मजबूत होगा चुनाव में वही बाजी मारेगा.



ये भी पढ़ें.


Uttarakhand Politics: चुनाव से पहले सियासत तेज, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर हरक सिंह रावत ने लगाये सनसनीखेज आरोप