उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में गो-तस्करी के अंतरराज्यीय गिरोहों पर पुलिस का प्रहार जारी है. थाना रायपुर और थाना मांची की संयुक्त टीम ने बीती रात खलियारी-दरमा मार्ग पर मुठभेड़ में दो अभियुक्तों, जियाउल उर्फ जियाउद्दीन और रिशु यादव उर्फ विकास यादव को गिरफ्तार किया. पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के कुशल नेतृत्व में यह कार्रवाई योगी आदित्यनाथ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा बनी.
पुलिस ने रात्रि 12:30 बजे गश्त के दौरान संदिग्ध पिकअप वाहन को रोका गया. आरोपी पुलिस को देख भगा लेकिन कच्चे रास्ते में वाहन फंस गया. जंगल में घेराबंदी के क्रम में जियाउल ने प्रभारी निरीक्षक पर गोली चलाई जो सिर के ऊपर से निकल गई. आत्मरक्षा में पुलिस फायरिंग से उसके पैर में गोली लगी. घायल जियाउल को सीएचसी वैनी भेजा गया, जबकि रिशु ने आत्मसमर्पण कर दिया.
इस दौरान पिकअप से सात गोवंश, अवैध तमंचा 315 बोर, एक जिंदा कारतूस और एक खोखा कारतूस बरामद हुए. फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्रित किए. अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी और क्षेत्राधिकारी राज सोनकर के नेतृत्व में अभियान सफल रहा. पूछताछ में खुलासा हुआ कि गोवंश बिहार के कैमूर जिले ले जाकर वध हेतु पश्चिम बंगाल भेजे जाते थे.
गो-तस्करी की कमाई प्रमोद, शिवमंगल यादव, विनोद, गोरख खटिक, भगवान यादव और विकास यादव के बीच बंटती थी. यह नेटवर्क बिहार-झारखंड-एमपी सीमाओं क़ो अपना केंद्र बनाया है. इन आरोपियों के खिलाफ थाना रायपुर में धारा 109 बीएनएस, 3/25 आर्म्स एक्ट तथा उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. एसपी वर्मा ने इसे बड़े नेटवर्क पर प्रहार बताया, हाल के 24 दिनों में जिले में 56 गोवंश बरामद, 10 गिरफ्तारियां और नौ मुठभेड़ें हुईं.
सोनभद्र की रणनीतिक स्थिति, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश से सटा होना इसे तस्करी का हॉटस्पॉट बनाती है. एसपी वर्मा के 'ऑपरेशन लंगड़ा' में 25 हजार इनामी तस्कर संजय राम जैसे अपराधी पकड़े गए. अपराधी अब 'तौबा' करने लगे. पुलिस ने सहयोगियों की धरपकड़ तेज कर दी. क्षेत्राधिकारी राज सोनकर ने बताया की एक पिकअप में गो-तस्कर गायों को लेकर जा रहे थे, पुलिस ने रोका तो तस्करों ने फायरिंग कर दी, पुलिस ने भी घेराबंदी कर जवाबी फायरिंग में एक तस्कर के पैर में गोली लगी.