गाजियाबाद: दिल्ली के जगतपुरी इलाके के रहने वाले युद्धवीर सिंह के 70 वर्षीय पिता को बुखार के बाद ऑक्सीजन लेवल कम हो गया. दिल्ली में कई दिन तक भटकने के बाद उन्हें कोई अस्पताल नहीं मिला, जहां उन्हें भर्ती कराया जा सके या बेड मिल सके या ऑक्सीजन की व्यवस्था हो सके. कई दिन भटकने के बाद उन्होंने गाजियाबाद का रुख किया. युद्धवीर सिंह अपने पिता को बाइक पर बैठा कर वैशाली के मैक्स हॉस्पिटल आए, लेकिन यहां भी उनके लिए भी कोई बेड की व्यवस्था नहीं हो पाई, उसके बाद वह अन्य अस्पतालों को खोजने के लिए चल दिए ताकि उनके पिता का इलाज हो सके, उन्हें ऑक्सीजन मिल सके और वह भर्ती हो सके.
अस्पताल ढूंढते ढूंढते बीच रास्ते में हुई मौत
इस बीच जैसे ही वे मैक्स हॉस्पिटल से चले और एक अन्य अस्पताल नवीन हॉस्पिटल की तरफ जा रहे थे, तभी रास्ते में युद्धवीर के 70 वर्षीय पिता ने दम तोड़ दिया और वहीं सड़क पर गिर गए. उनकी डेड बॉडी करीब दो घंटे तक सड़क पर पड़ी रहे किसी ने कोई सुध नहीं ली. पुलिस को भी सूचना दी गई, स्वास्थ्य विभाग को भी बताया गया, लेकिन उनकी मदद के लिये कोई भी नहीं आया. इसके बाद यह सूचना कौशांबी के स्थानीय पार्षद मनोज गोयल को मिली, वह मौके पर पहुंचे और उन्होंने मानवता दिखाते हुए युद्धवीर की मदद की और उनके पिता की डेड बॉडी को एंबुलेंस से दिल्ली पहुंचाया.
यूपी-दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुली
इस घटना ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश दोनों ही राज्यों की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी और जो दिल्ली के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं कि, कॉविड का समुचित इलाज उनके इलाके में है, वह सब कागजों तक सीमित नजर आ रहा है. दिल्ली के रहने वाले 70 साल के इस व्यक्ति की अस्पताल ढूंढते ढूंढते मौत हो गई, ये मौत कई सवाल खड़े कर गई लेकिन आखिर में मानवता ही काम आई.
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