पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद बनाने के ऐलान पर इंडिया आर्कियोलॉजिकल सर्वे (ASI) के पूर्व रीजनल डायरेक्टर सोहन लाल आर्य तीखा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी बाबर के नाम पर मस्जिद का निर्माण नहीं होने दिया जाएगा, अगर किसी ने ऐसा करने की कोशिश की तो हम उसका विध्वंस कर देंगे.
सोहन लाल आर्य काशी की ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में हिन्दू पक्ष के पक्षकार है, उन्होंने कहा कि हुमायूं कबीर का बयान है कि हम बाबर के नाम पर मस्जिद का निर्माण करेंगे और तीन साल में ये निर्माण पूरा हो जाएगा. हम उनसे निवेदन करते हैं कि आप इस विचार को त्याग दें नहीं तो, बाबर के नाम पर इस देश में हम एक भी ईंट नहीं रखने देंगे.
बाबर के नाम पर मस्जिद को लेकर दी चेतावनी
सोहन लाल ने कहा कि अगर बाबर के नाम से मस्जिद बननी शुरू हुई तो हम उसका विध्वंस कर देंगे. मैंने अयोध्या में साल 1992 में बाबरी विध्वंस किया था. आप रसखान के नाम पर या पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर मस्जिद बना सकते हैं हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, बाबर के नाम पर इस देश में कहीं भी मस्जिद नहीं बनने देंगे, अगर बनी तो हम उसका विध्वंस कर देंगे.
राम मंदिर आंदोलन में हम शुरू से ही जुड़े थे, हमें गर्व है कि हमने बाबरी मस्जिद को तोड़ा. हम कहना चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ी अगर ये पूछेगी कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म कहां हुआ था तो हम कहेंगे बाबरी मस्जिद में हुआ था? इसलिए हमने उसका विध्वंस किया था ताकि आने वाली पीढ़ी को हम बताएं कि भगवान राम का जन्म बाबरी मस्जिद नहीं अयोध्या में हुआ था.
'काशी और मथुरा का भी उद्धार करेंगे'
अगर हमारी पीढ़ी सवाल करेगी कि क्या देवाधिदेव भगवान शिव का मूल स्थान काशी की ज्ञानवापी मस्जिद है इसलिए हमें अब उसका भी उद्धार करना है आने वाली पीढ़ी हमसे प्रश्न करेगी की किया क्या भगवान श्रीकृष्ण का जन्म स्थान मथुरा की शाही मस्जिद में हुआ है इसलिए हमें आने वाली पीढ़ी को बताना है कि श्री कृष्ण का जन्म स्थान मथुरा में है.
हम सिर्फ ये कहना चाहते हैं कि हुमायूं कबीर आप हिन्दू थे, आपके पूर्वजों द्वारा धर्मांतरण के बाद मुसलमान बने..आप चेत जाईए अपनी आत्मा को झकझोरिए.. बाबर के नाम पर इस देश में मस्जिद नहीं बनने देंगे. बता दें की हुमायूं कबीर के बयान पर हुए विवाद के बाद टीएमसी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है. हालांकि हुमायूं कबीर अब भी अपने बयान पर कायम हैं.
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