लखनऊ, संतोष कुमार। लखनऊ पुलिस भी गुड वर्क में अफसरों की चमचागिरी में गजब खेल करती है, और यह खेल जब उजागर होता है तो जगहंसाई का सबब बनता है। जो अफसर एक हफ्ते की छुट्टी पर हो लखनऊ पुलिस उस अफसर तक को अपने गुड वर्क का श्रेय देती है। छुट्टी पर गए अफसर से बिना संपर्क ही पुलिस टीम कुशल निर्देशन पाती है। यह अलग बात है कि छुट्टी पर गए अफसर फोन नहीं उठाते और उनकी जगह कोई दूसरा अधिकारी काम देखता है। लेकिन छुट्टी पर गए अफसर को तो श्रेय दिया जाता है लेकिन उसका काम कर रहे, पुलिसिंग की मॉनिटरिंग कर रहे अफसर का नाम तक नहीं होता।

लखनऊ पुलिस ने सोमवार को विकास नगर इलाके से 15000 के इनामी लुटेरे और उसके साथी को गिरफ्तार किया। इन लूटेरों की गिरफ्तारी वाला यह प्रेसनोट ही पुलिसिया लापरवाही और रटी रटाई स्क्रिप्टिंग की कहानी उजागर करता है।

प्रेस नोट के पहले पन्ने की शुरुआत से ही इस गुड वर्क का श्रेय जिन अफसरों को दिया गया उसमें एसएसपी लखनऊ के साथ एसपी ट्रांस गोमती अमित कुमार का नाम लिखा गया। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जिस एसपी ट्रांस गोमती के कुशल निर्देशन की विकास नगर पुलिस बात कर रही है वह अफसर तो एक हफ्ते की छुट्टी पर है। इन अपराधियों की गिरफ्तारी की शुरुआत से लेकर गिरफ्तारी होने तक की कहानी शायद छुट्टी पर गए अमित कुमार को भी पता नहीं। लेकिन श्रेय में उनका नाम आगे ही है।

जो पुलिस अफसर छुट्टी पर जाने के बाद किसी का फोन नहीं उठाते हों, उस अफसर के कुशल निर्देशन की बात कही जाए वही दूसरी ओर जिस पुलिस अधिकारी को उनका चार्ज दिया जाए उसका नाम तक शामिल ना हो, तो इसे क्या कहेंगे? चमचागिरी।

गौरतलब है कि ट्रेनी आईपीएस अमित कुमार लखनऊ में एसपी ट्रांस गोमती के पद पर हैं और एक हफ्ते की छुट्टी पर हैं वो 23 अगस्त को ही अपनी ड्यूटी ज्वाइन करेंगे। इस दौरान एसपी ट्रांस गोमती का चार्ज एसपी ट्रफिक पूर्णेन्दु सिंह के पास है।