UP News: उत्तर प्रदेश के सीतापुर (Sitapur) के राजेपुर गांव में शुक्रवार की शाम लगभग पांच बजे अब्बास अली (Abbas Ali) नाम का शख्स बाजार से आकर घर के बाहर बैठा था. इसी बीच गांव का ही पड़ोसी शैलेंद्र जायसवाल, उसके पिता रामपाल, बेटे देवतादीन, बहनोई पल्लू और मां का अब्बास अली और उसकी पत्नी से विवाद होने लगा. इसके बाद रामपाल के परिजनों ने लाठी-डंडों और धारदार हथियार लेकर अब्बास और उसकी पत्नी कशरूंनिशां पर हमला कर दिया. इससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई.


ग्रामीणों के अनुसार मृतक दंपती के बेटे शौकत के रामपाल की बेटी रूबी के नाजायज संबंध थे. शौकत साल 2020 में रूबी को भगा ले गया था. उस समय रूबी नाबालिग थी. मामला दर्ज कर पुलिस ने शौकत को जेल भेज दिया था. इसके बाद इसी जून में फिर वह विवाहित रूबी को भगा ले गया. घरवालों ने बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का मामला दर्ज कराया लेकिन अब रूबी बालिग हो चुकी थी, उसने अपना बयान भी शौकत के पक्ष में दे दिया. इससे उस मामले में शौकत पर कोई दोष साबित नहीं हो सका.


हाल ही में जेल से छूट कर आया था शौकत


कुछ दिन बाद पुराने मामले में शौकत को जेल जाना पड़ा. पिछले बुधवार को ही वह जेल से छूट कर आया था. ग्रामीणों के अनुसार फिर से प्रेमी-प्रेमिका के भाग जाने की खबर है. उसी से क्षुब्ध होकर रामपाल और उसके परिवार को लोगों ने अब्बास के साथ-साथ उसकी पत्नी को मौत की नींद सुला दिया. शौकत और रूबी का कहीं पता नहीं है. मृतक दंपती की तीन नाबालिग पुत्रियां पड़ोसियों और पुलिस के संरक्षण में हैं. पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पंहुंचे और फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट टीम ने बारीकी से जाच-पड़ताल की. मौके पर पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी प्रकाश कुमार, सीओ सदर राजु कुमार साव सहित उच्चाधिकारी उपस्थित रहे.


पुलिस की चार टीमों का किया गया गठन


इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने मौके पर जायजा लिया और जानकारी देते हुए बताया कि दो पक्षों में झगड़ा हुआ है, जिसमें दो लोगों की मौत हुई है, दोनों पति-पत्नी है. पुरानी रंजिश के चलते घटना को अंजाम दिया गया है. गांव में भारी फोर्स लगाई गई है. मौके पर सर्विलांस टीम, एसओजी टीम समेत एफएसएल की टीम ने जायजा लिया. जल्द ही आरोपियों को पकड़ कर खुलासा किया जाएगा. चार टीमों को गठित किया गया है.


ये भी पढ़ें- UP Politics: 'सरकार बदलते ही बुलडोजर की दिशा बदल जाएगी', योगी सरकार पर अखिलेश यादव का हमला