भारत में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर पिछले कुछ समय से देशभर में राजनीतिक सरगर्मी तेज है. चुनाव आयोग द्वारा चल रहे इस अभियान का उद्देश्य वोटर लिस्ट को अपडेट करना बताया जा रहा है, लेकिन कई राज्यों में विपक्ष ने इसे “वोटर डिलीशन अभियान कहकर विरोध शुरू कर दिया है. उत्तराखंड में भी प्री-SIR गतिविधियां शुरू होते ही राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है.
इसी कड़ी में धर्मपुर से बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने एक बड़ा बयान देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के मतदाता पते पर ही सवाल खड़ा कर दिया. चमोली ने दावा किया कि हरीश रावत माजरा से फर्जी वोटर हैं और यदि SIR प्रक्रिया शुरू हुई तो इनका वोट कटेगा. उनके इस बयान ने प्रदेश की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है.
चमोली ने कहा कि हरीश रावत माजरा के वोटर हैं, यह वोटर लिस्ट में फर्जी तरीके से दर्ज है. SIR आने दो, इनका नाम पहली सूची में ही कटेगा. हम साफ-सुथरी वोटर लिस्ट चाहते हैं और फर्जी वोटरों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
बीजेपी विधायक का यह आरोप सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है, जिसके बाद कांग्रेस खेमे में भी हलचल मच गई.
'चमोली को मुंहपका रोग हो गया है'
विनोद चमोली के आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (हरदा) ने तीखा पलटवार किया है. उन्होंने कहा- “मेरा घर केवल मोहनरी में है. माजरा में तो मैं कभी नहीं रहा, वहां मेरा सिर्फ कार्यालय था, जब मैं सांसद था. यह बात मैंने कभी नहीं छुपाई. विनोद चमोली उस समय कहां थे? शायद अंतर्ध्यान थे. उन्हें कुछ ‘मुंहपका’ रोग’ हो गया है.”
हरदा ने आगे संदेश देते हुए कहा कि- “अगर चमोली जी मेरे प्रति इतना प्रेम दिखा रहे हैं तो मैं जल्द ही धरमपुर में पदयात्रा करूंगा. जहां-जहां सड़कों पर गड्ढे हैं, बंजारावाला तक, वहां भी जाऊंगा. और जिस बूथ को उन्होंने अपनाया है, वहां नींबू सन्नी पार्टी करूंगा.” रावत के इस व्यंग्यात्मक जवाब ने सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा बटोरी है.
SIR को लेकर बढ़ा राजनीतिक तापमान
उत्तराखंड में SIR लागू होगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल एक-दूसरे पर “फर्जी वोटर” और “वोट चोरी” के आरोप लगाने लगे हैं. कांग्रेस जहां SIR को वोट कटवाने की साजिश बता रही है, वहीं बीजेपी इसे “मतदाता सूची की सफाई” का अभियान कह रही है.
फिलहाल, SIR पर शुरू हुआ विवाद आने वाले दिनों में और भी गर्माने वाला है. लेकिन हरीश रावत और विनोद चमोली की बयानबाज़ी ने इस बहस को एक नया मोड़ दे दिया है