उत्तर प्रदेश में मतदाता गहन पुनरीक्षण की समय सीमा बढ़ सकती है. यह दावा सूत्रों ने किया है. सूत्रों का दावा है कि भारत निर्वाचन आयोग जल्द ही यूपी में 2 हफ्ते का समय और बढ़ा सकता है. सूत्रों के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग के मुखिया नवदीप रिणवा ने भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष 2 और सप्ताह के लिए आवेदन किया है. बताया गया कि अभी 2 करोड़ 91 लाख वोटर्स के SIR फॉर्म नहीं मिले है.

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मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया काम 99.13% पूरा हो गया है. राज्य में कुल 15.44 करोड़ मतदाताओं का डेटा दोपहर दो बजे तक अपडेट आया है. इसके अनुसार 80% मतदाताओं ने एन्यूमरेशन फॉर्म जमा किए.इन फॉर्म के आधार पर प्रारूप मतदाता सूची तैयार की जा रही है. इसमें मतदाताओं को कई श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया मृत, स्थानांतरित, डुप्लीकेट आदि शामिल है. करीब 18.85% यानी लगभग 2.91 करोड़ मतदाता अनुपलब्ध/अज्ञात श्रेणी में है. ऐसे मतदाताओं के नाम सूची से हट सकते हैं.

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ऐसे में आयोग ने प्रक्रिया को त्रुटिरहित बनाने के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा. हर पोलिंग स्टेशन पर BLO और राजनीतिक दलों के बूथ एजेंट की बैठकें जारी है. जिनका नाम सूची में नहीं उसके कारण दर्ज करने के साफ निर्देश दिए गए हैं. पहली बार मैपिंग के जरिए मतदाता पहचान की पक्की जांचहोगी. नामों को पिछली सूची, माता-पिता या दादा-दादी से लिंक किया जा रहा है.

5.15 लाख बूथ लेवल एजेंट फील्ड में सक्रिय हैं- सीईओ

उन्होंने बताया कि अब तक 75% से ज्यादा मतदाताओं की मैपिंग पूरी हो गई है. इसके जल्द 90% तक पहुंचने की उम्मीद है. मैपिंग पूरा होने पर मतदाताओं को नोटिस या दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है. प्रदेश में अब तक 13 करोड़ से ज्यादा लोगों से फॉर्म लेकर डिजिटल रिकॉर्ड बनाया गया है. उन्होंने कहा 5.15 लाख बूथ लेवल एजेंट फील्ड में सक्रिय , वैध मतदाता न छूटे, इसकी जिम्मेदारी है. SIR प्रक्रिया 14 दिन बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. 

सीईओ ने बताया कि 15.44 करोड़ में से 12.40 करोड़ का डिजिटाइजेशन पूरा हो गया है. मृत/डुप्लीकेट 2.91 करोड़ नामों की जांच होगी और सूची सार्वजनिक कर आपत्तियां ली जाएंगी.