हरिद्वार, एबीपी गंगा। कांग्रेस की दिग्गज नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित की अस्थियां आज पूरी विधि विधान के साथ हर की पौड़ी पर गंगा में विसर्जित की गई। हर की पौड़ी की संस्था श्री गंगा सभा के पुरोहित द्वारा अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम संपन्न कराया गया। शीला दीक्षित के अस्थि विसर्जन में पुत्र संदीप दीक्षित बेटी लतिका दीक्षित कांग्रेस नेता जतिन प्रसाद और पवन खेड़ा सहित परिवार के काफी सदस्य मौजूद रहे। शीला दीक्षित का निधन 20 जुलाई को दिल्ली के एस्कॉर्टस हार्ट इंस्टिट्यूट में दिल का दौरा पड़ने से हुई थी।
शीला दीक्षित कांग्रेस की बड़ी नेता थीं और गांधी परिवार से इनका गहरा नाता रहा है। तभी तो दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी है शीला दीक्षित दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनी थी और देश की पहली ऐसी महिला मुख्यमंत्री थी, जिन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद संभाला और साथ ही केरल की राज्यपाल का पद भी। शीला दीक्षित ने 15 साल तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहते हुए कई ऐसे कार्य किए जिनको आज भी लोग सराहते हैं। शीला दीक्षित का व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि सभी पार्टी के बड़े नेता उनका सम्मान करते थे।
उनके बेटे संदीप दीक्षित का कहना है कि इनके चले जाने से व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए और मेरे पूरे परिवार के लिए एक बड़ी क्षति है और समय ही इस दर्द को भरने का साहस देता है। शीला दीक्षित जी की राजनेता के रूप में और दिल्ली के सफल प्रशासक के रूप में उनकी एक अच्छी छवि थी क्योंकि उनके जाने के बाद ना केवल दिल्ली में बल्कि पूरे देश में उनके लिए जिस तरह से सम्मान की भावना उत्पन्न हुई उसे लगा कि एक राष्ट्रीय स्तर का नेता हमारे बीच से चला गया है। सभी लोग मानते हैं कि शीला दीक्षित जी ने दिल्ली को विकास की राह दिखाई ऐसे नेता के चले जाने के बाद हर नेता ने अपने दल से ऊपर उठकर श्रद्धांजलि अर्पित की।