Shardiya Navratri 2023: देशभर में शारदीय नवरात्र और आने वाले विजयदशमी पर्व का जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में भी त्योहार की धूम है. मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की पूजा के बाद नाटक का मंचन किया गया. नाटक में राम और रावण के बीच हुए युद्ध का वर्णन हुआ. काशी विश्वनाथ धाम में मंचन न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडे, मंडलायुक्त और मुख्य कार्यपालक अधिकारी समेत सम्मानित लोग मौजूद रहे. कलाकारों की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों का दिल जीत लिया.


नाटक में एक विशेष प्रसंग ने सभी का मन मोहा


मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के युद्ध भूमि में त्याग से जुड़े अनेक प्रसंग हैं. इसी कड़ी में एक विशेष प्रसंग ने मौजूद लोगों का मन मोह लिया. रावण और प्रभु राम की सेना के बीच घनघोर युद्ध चल रहा था. इस बीच श्रीराम को आराधना शक्ति करने का आवाह्नन किया जाता है. मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम साधना करने लगते हैं. उन्होंने देवी के चरणों में 108 नीलकमल अर्पित करने का संकल्प लिया था. लेकिन देवी चुपके से आखिरी फूल चुरा ले जाती हैं.  


प्रभु राम नेत्र अर्पित करने के लिए उठाते हैं तीर 


राम विचलित और स्तब्ध हो जाते हैं. तभी उन्हें याद आता है कि उनकी आंखों को मां नीलकमल कहा करती थी. इसलिए भगवान राम अपना नेत्र अर्पित करने के लिए हाथों में तीर कमान उठा लेते हैं. तभी देवी प्रकट होकर राम को रोकती हैं और उन्हें आशीष देती हैं. नाटक को देख मौजूद सभी श्रद्धालु भाव विभोर हो उठते हैं. कलाकारों ने राम, सीता, दुर्गा, हनुमान और सुग्रीव का किरदार निभाया. संगीत रचना में योगदान जेपी शर्मा और आशीष मिश्र की जोड़ी ने दिया. नाटक का व्योमेश शुक्ला ने निर्देशन किया. नाटक के जरिए भगवान राम की शक्ति को दर्शाया गया. कलाकारों की प्रस्तुति पर जबरदस्त वाहवाही मिली. 


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