Shamli News: शामली के एक स्कूल ने परीक्षा में बैठने के लिए जरूरी ग्रीन कार्ड (Green Card) सिर्फ इसलिए रोक दिए गए क्योंकि उनके अभिभावकों ने फीस जमा नहीं की थी. इस वजह से ये बच्चे परीक्षा (Exam) में शामिल नहीं हो पाए. अभिभावकों का कहना है कि चालू सत्र में गन्ने (Sugarcane) पैसे का भुगतान नहीं हुआ है ऐसे में वे फीस जमा नहीं कर पाए हैं.


गन्ना भुगतान न होने की वजह से शामली जनपद के गन्ना किसानों के सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो गया है. घर के जरूरी खर्चे चलाने के साथ-साथ किसान एक ओर अपने बच्चों की शादी नहीं कर पा रहे हैं तो दूसरी तरफ उन्हें अपने बच्चों की स्कूल की फीस जमा करने में दिक्कत आ रही है. फीस जमा न करने पर प्राइवेट स्कूल ने ग्रीन कार्ड ही जारी नहीं किया. इस समस्या को लेकर अभिभावक परेशान हैं. वहीं बच्चों की मन:स्थिति पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.


नए सत्र में नहीं मिले गन्न के पैसे
शामली जनपद की नई गन्ना मिलों ने अभी तक नए सत्र में किसानों को भुगतान नहीं किया है. किसानों का कहना है कि गन्ने का रेट कम है और समय पर भुगतान नहीं हो रहा है. भारतीय किसान यूनियन ने भी इस मामले को कई बार जिला प्रशासन और मिल प्रबंधन के सामने उठाया है. साथ ही बीते वर्ष जिला अधिकारी ने स्कूल प्रबंधन, मिल अधिकारियों और किसानों के साथ बैठक कराकर समस्या का समाधान कराया था लेकिन चालू सत्र में इस समस्या की तरफ कोई भी ध्यान नहीं दिया गया. 


स्कूल प्रबंधन से बात करेंगे जिलाधिकारी
सपा नेता सुधीर कुमार का कहना है कि सरकार ने न तो गन्ने के उचित रेट दिए हैं और न ही समय पर भुगतान किया जा रहा है. किसानों का करीब 600 करोड़ रुपए गन्ना मिलों पर बकाया है इसलिए किसानों को अपने बच्चों को पढ़ाने में बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है जबकि हरियाणा में प्रति क्विंटल 12 रुपये और पंजाब में 30 रुपये अधिक मिल रहे हैं. सरकार को इस विषय पर ध्यान देने की जरूरत है. इस मामले में जिलाधिकारी का कहना है कि वह जल्दी ही मिल प्रबंधन की बैठक बुलाएंगे और स्कूल प्रबंधन से भी बात करके समस्या का कोई न कोई समाधान निकालने का प्रयास करेंगे. 


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