Shamli News: शामली (Shamli) के थानाभवन विधानसभा से रालोद विधायक के आवास पर गन्ने का भुगतान न होने और गन्ने का मूल्य निर्धारित न होने के चलते हजारों चिट्ठीयां किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम लिखी है. रालोद विधायक के कार्यालय पर चिट्ठी लिखने के कार्यक्रम में हजारों किसानों ने पहुंचकर विधायक के माध्यम से चिट्टियां लिखी. मुख्यमंत्री से बकाया भुगतान दिलाने और गन्ने का मूल्य निर्धारित करने की अपील की है. राष्ट्रीय लोकदल का ये कार्यक्रम जनवरी के पूरे महीने में जगह-जगह पर चलता रहेगा.

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दरअसल, यह मामला थाना भवन विधानसभा के रालोद विधायक अशरफ अली के कैंप कार्यालय का है, जहां पर शुगर मिल मालिकों की हठधर्मिता और मनमर्जी के चलते पिछले सत्र का गन्ने का बकाया भुगतान न होने के चलते और वर्तमान में सरकार द्वारा गन्ने का रेट निर्धारित न होने के कारण सैकड़ों किसान इकट्ठा हुए हैं.

सभी किसान इकठ्ठा होकर करेंगे ये कामकिसानों का कहना है कि आज तक ना तो शुगर मिल के द्वारा गन्ने का बकाया भुगतान कराया गया और ना ही इस साल का सरकार द्वारा गन्ने का रेट निर्धारित किया गया है. राष्ट्रीय लोकदल ने किसान संगठन के नेतृत्व में कई बार धरना प्रदर्शन किया है, लेकिन बकाया भुगतान नहीं मिला. 

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अब किसानों की बात कहने और बकाया भुगतान लेने के लिए राष्ट्रीय लोक दल के थानाभवन विधायक अशरफ अली के आवास पर इकट्ठा हुए हैं, जहां उन्होंने पत्र लिखकर किसानों की बात कहने के लिए एक पहल शुरू की है और उसी की लिए आसपास क्षेत्र से ही नहीं दूर दराज से भी किसान आकर विधायक के माध्यम से चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री के नाम पोस्ट करेंगे.

इस मामले में थानाभवन रालोद विधायक अशरफ अली का कहना है कि राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के आदेश पर जहां पहले भी कई बार किसानों के बकाया भुगतान को लेकर धरना प्रदर्शन हो चुका है, वहीं अब उन्हीं के आदेश पर किसानों के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम लाखों चिट्ठी लिखने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. उसी क्रम में मेरे आवास पर किसान आ रहे हैं और मुख्यमंत्री के नाम गन्ने के बकाया भुगतान दिलाने और गन्ने का मूल्य निर्धारित करने को लेकर चिट्ठी लिखी जा रही है. यह अभियान जनवरी महीने के लास्ट तक चलता रहेगा.

रालोद विधायक अशरफ अली ने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन राष्ट्रीय लोक दल के नेतृत्व में लाखों चिट्ठियां लिखी जाएगी, जिससे गन्ने का बकाया भुगतान मिल सके और गन्ने का जल्द से जल्द रेट निर्धारित किया जा सके क्योंकि किसान को अभी तक इस सत्र के दौरान गन्ने का बकाया भुगतान का वह गन्ने का रेट का पता ही नहीं है.

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