Pithoragarh Earthquake: उत्तराखंड के सीमावर्ती पिथौरागढ़ जिले और इसके आसपास के इलाकों में शनिवार और रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि भूकंप के झटकों की तीव्रता कम रही. सबसे पहले रविवार रात को एक बजकर 34 मिनट पर 4.2 मैग्निट्यूड तीव्रता का झटका महसूस किया गया. इसके बाद दो बजकर 48 मिनट और तड़के छह बजकर 52 मिनट पर भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. इन भूकंप के झटकों का केंद्र चीन बॉर्डर सीमा पर 10 किलोमीटर की गहराई में था.


भूकंप के इन झटकों के बारे में पिथौरागढ़ के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र सिंह मेहर ने बताया कि पहली बार भूकंप का झटका देर रात डेढ़ बजे महसूस किया गया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 मैग्निट्यूड थी. फिर दो बजकर 48 मिनट पर 2.7 मैग्निट्यूड और तड़के छह बजकर 52 मिनट पर 2.8 मैग्निट्यूड तीव्रता के झटके महसूस किए गए. उन्होंने बताया कि भूकंप के ये झटके जिले की व्यास घाटी क्षेत्र के रोंगकोंग, नाभी और बूंदी में भी महसूस किए गए जिससे इन इलाकों में रहने वाले लोग घबरा गए. भूपेंद्र सिंह मेहर के अनुसार भूकंप का केंद्र भारत-चीन सीमा पर मिलम में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था. 


जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय ने चार बार भूकंप आने की पुष्टि की है. हालांकि रोंगकोंग इलाके में रहने वाले एक ग्रामीण भूपाल सिंह रोंकली ने बताया कि गांव वालों ने शनिवार रात डेढ़ बजे से रविवार सुबह पांच बजे तक सात बार भूकंप के झटके महसूस किए है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. बता दें कि इससे पहले 03 अगस्त को भी पिथौरागढ़ जिले में भूकंप के कई झटके महसूस किए गए थे. 03 अगस्त को भूकंप का केंद्र नेपाल बॉर्डर था. वहीं इससे पहले 23 जुलाई 2023 को भी पिथौरागढ़ में भूकंप आया था. उस समय भूकंप की तीव्रता 3.2 मैग्निट्यूड थी. 


पिथौरागढ़ जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र सिंह मेहर ने बताया कि भारत-चीन और भारत-नेपाल बॉर्डर पर स्थित पिथौरागढ़ जिला भूकंप के नजरिए से जोन फाइव में आता है. भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड को बेहद संवेदनशील माना जाता है. पिथौरागढ़ के अलावा उत्तराखंड के तीन और जिले भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील माने जाते हैं. इनमें बागेश्वर, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले शामिल हैं.


यह भी पढ़ें:


UP Politics: योगी सरकार में ओम प्रकाश राजभर कब बनेंगे मंत्री? सुभासपा प्रमुख ने खुद दिया जवाब