पौड़ी। उत्तराखंड में आगामी 2 नवंबर से 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थी स्कूल जा सकेंगे. लॉकडाउन में महीनों से घर बैठे छात्र स्कूल पहुंच पाएंगे. हालांकि, इस दौरान सरकार की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन्स का पालन करना होगा.


अब छात्र स्कूल में जाने से पहले ही शिक्षक अपना कोरोना टेस्ट करवाने में लगे हैं. जिससे छात्रों पर कोरोना का साया न पड़े. हालांकि, कोविड दिशानिर्देशों में सरकार न तो छात्रों के लिए और न ही शिक्षकों के लिए कोरोना टेस्ट की अनिवार्यता रखी है.


शिक्षकों का कोरोना टेस्ट एंटीजन किट से करवाया जा रहा है. शिक्षकों की इस सूझबूझ को माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने सराहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना टेस्ट की अनिवार्यता का सुझाव वे शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग में रख चुके हैं. बिष्ट ने कहा कि इसके अलावा उन्होंने शिक्षक और छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग का सुझाव दिया था.


महावीर सिंह ने कहा कि कोरोना के दौर में कई शिक्षक ऐसे क्षेत्रों से भी लौटे हैं, जहां कोरोना तेज़ी से फैल रहा है. इसलिए उन्होंने कोरोना टेस्ट का सुझाव दिया था. हालांकि, स्कूल खोलने के लिए जो मानक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, उसमें ऐसा कोई जिक्र नहीं है. महावीर सिंह ने कहा कि स्कूलों में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा.


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