पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है. मंगलवार को उनके निधन की खबर के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व  मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, किसान नेता राकेश टिकैत, हिसार सांसद ब्रिजेन्द्र सिंह समेत तमाम राजनीतिक दलों ने शोक व्यक्त किया है.

सत्यपाल मलिक के राजनीतिक योगदान और बेबाक रवैये को याद करते हुए नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.

अखिलेश यादव का शोक संदेश

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक जी के निधन से गहरा दुख हुआ. उनके राजनीतिक योगदान और किसानों, गरीबों की आवाज उठाने के लिए हमेशा याद रखा जाएगा. उनके परिवार के प्रति संवेदना. ॐ शांति. अखिलेश यादव ने मलिक के साथ अपने पुराने संबंधों का भी जिक्र किया, जो उनके लिए निजी क्षति के रूप में देखा जा रहा है.

प्रियंका गांधी ने जताया शोक 

वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने भी सत्यपाल मलिक के निधन पर शोक जताते हुए लिखा कि  देश के किसानों की मुखर आवाज एवं पूर्व राज्यपाल श्री सत्यपाल सिंह मलिक जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। शोक-संतप्त परिवारजनों एवं समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. ॐ शांति!

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का बयान

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी सत्यपाल मलिक के निधन पर गहरा दुख जताया. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि सत्यपाल मलिक जी का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है. उनके साहसिक बयानों और जनहित के मुद्दों पर उनकी प्रतिबद्धता हमेशा प्रेरणादायक रहेगी. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे. खेड़ा ने मलिक के किसान आंदोलन के दौरान दिए गए समर्थन को भी याद किया.

अन्य बड़े नेताओं का शोक

इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, हिसार से सांसद ब्रिजेन्द्र सिंह, समाजवादी नेता आईपी सिंह, मुज़फ्फरनगर सांसद हरेन्द्र मलिक ने भी शोक व्यक्त किया.

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

सत्यपाल मलिक के निधन पर विभिन्न दलों के नेताओं ने एकजुट होकर शोक जताया, जो उनके व्यापक प्रभाव को दर्शाता है. मलिक के किसान आंदोलन और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल को लेकर उनकी प्रशंसा की जा रही है. उनके निधन के बाद उनके पैतृक गांव हिसावड़ा (बागपत) में शोक सभा आयोजित की जा रही है, जहां उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी चल रही है.