उत्तर में 2027 विधानसभा की चुनावी बिसता बिछने लगी है. गुरूवार 9 अक्टूबर को बहुजन समाज पार्टी की एक रैली लखनऊ में काशीराम परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित की गयी थी. जिसमें प्रदेश भर से 5 लाख से अधिक कार्यकर्ता शामिल हुए. जिसके बाद कई तरह के राजनीतिक कयास लग रहे हैं. वहीं पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने रैली की भव्य सफलता के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया.
सतीश चन्द्र मिश्रा ने कहा कि लाखों की संख्या में पहुंचे समर्थकों की उपस्थिति ने बहुजन समाज की एकजुटता का जीता-जागता प्रमाण दिया, जो संस्थापक कांशीराम जी के मिशन को जीवित रखने का प्रतीक है.
सतीश चन्द्र मिश्रा का बयान
बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर सन्देश लिखते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए कहा की. बहुजन एवं सर्वसमाज एकता जिंदाबाद- आप सभी का हार्दिक आभार!
आज लखनऊ में मान्यवर श्री कांशीराम जी साहब के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित भव्य महारैली को ऐतिहासिक सफलता दिलाने वाले उत्तर प्रदेश के सभी जिलों, तहसीलों, गांवों और कस्बों के साथ देश के अन्य प्रदेशों से आए सभी साथियों, कार्यकर्ताओं, समर्थकों और बहुजन चेतना के वाहकों का दिल से धन्यवाद और आभार. आपकी उपस्थिति, अनुशासन और समर्पण ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि बहुजन समाज आज भी एकजुट है, कांशीराम जी का मिशन आज भी जीवित है, और संगठन की ताक़त अटूट है.
आपका यह योगदान न केवल महारैली की सफलता है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के उस सफ़र की गवाह है, जिसे मान्यवर कांशीराम जी साहब और बहन कु. मायावती जी ने हमें सिखाया.
सभी बहुजन एवं सर्वसमाज के साथियों को सादर नमन आपकी एकता ही हमारी शक्ति है!
जय भीम, जय कांशीराम
कांशीराम जी का मिशन आज भी जीवित है, और संगठन की ताक़त अटूट है. आपका यह योगदान न केवल महारैली की सफलता है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के उस सफ़र की गवाह है, जिसे मान्यवर कांशीराम जी साहब और बहन कु. मायावती जी ने हमें सिखाया. सभी बहुजन एवं सर्वसमाज के साथियों को सादर नमन आपकी एकता ही हमारी शक्ति है!
जय भीम, जय कांशीराम
बसपा की महारैली में पांच लाख कार्यकर्ता पहुंचे
कांशीराम स्मारक स्थल पर हुई महारैली चार साल बाद आयोजित की गई, जिसमें BSP का दावा है कि 5 लाख से अधिक कार्यकर्ता पहुंचे थे. बसपा प्रमुख मायावती ने मंच पर 3 घंटे बिताए, जहां उन्होंने SP, कांग्रेस और BJP पर निशाना साधा, लेकिन वर्तमान सरकार की कुछ योजनाओं की तारीफ भी की. रैली एक तरह से 2027 चुनावों के लिए शक्ति प्रदर्शन था, जहां मायावती ने स्पष्ट कहा कि हम अकेले चुनाव लड़ेंगे, क्योंकि गठबंधन में सरकार टूट जाती है.