समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव ने संचार साथी ऐप को पर जारी किए गए केंद्र सरकार के निर्देशों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. सपा चीफ ने भारतीय जनता पार्टी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.  सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश यादव ने लिखा कि बीजेपी जाए तो निजता बच पाए.

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कन्नौज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद अखिलेश ने लिखा कि जिनका इतिहास ही मुख़बिरी का रहा हो वो जासूसी करना कैसे छोड़ सकते हैं. भाजपा सरकार में अभिव्यक्ति की आज़ादी तो पहले ही छिनी जा रही थी अब घर-परिवार, नाते-रिश्तेदार, मित्रता-कारोबार की आपसी बातचीत पर भी भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों की गिद्ध निगाह लग जाएगी. अब जनता ने फ़ैसला कर लिया है भाजपा सरकार नहीं चाहिए, तो नहीं चाहिए. भाजपा जाए तो निजता बच पाए!

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क्या बोली सरकार?

इधर, इसी मामले पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि धोखाधड़ी की सूचना देने वाले ऐप संचार साथी को यूजर्स जब चाहे हटा सकते हैं. सिंधिया ने कहा कि यूजर्स ‘संचार साथी’ ऐप को रखने या इसे हटाने का निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं. 

दूरसंचार विभाग ने मोबाइल उपकरण विनिर्माताओं एवं आयातकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि धोखाधड़ी की सूचना देने वाला उसका ऐप ‘संचार साथी’, सभी नए उपकरणों में पहले से मौजूद हों और मौजूदा उपकरणों पर सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से इसे मुहैया कराया जाए. 

विभाग के 28 नवंबर के निर्देश के अनुसार, आदेश जारी होने की तारीख से 90 दिन के बाद भारत में विनिर्मित या आयातित होने वाले सभी मोबाइल फोन में यह ऐप होना अनिवार्य होगा. सभी मोबाइल फोन कंपनियों का 120 दिन के भीतर दूरसंचार विभाग को अनुपालन रिपोर्ट देना आवश्यक है. 

सिंधिया ने कहा, ‘ यदि आप इसे हटाना चाहते हैं, तो हटा दें. हालांकि देश में हर कोई यह नहीं जानता कि यह ऐप उन्हें धोखाधड़ी और चोरी से बचाने के लिए है.’ केंद्रीय संचार मंत्री ने कहा,‘ इस ऐप को सभी तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है. अगर आप इसे हटाना चाहते हैं, तो इसे हटा दें. अगर आप इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं, तो इसे पंजीकृत न करें. अगर आप इसे पंजीकृत करते हैं, तो यह सक्रिय रहेगा. अगर आप इसे पंजीकृत नहीं करते हैं तो यह बंद रहेगा.’