नवरात्रि के दौरान दिल्ली में मीट की दुकानें बंद करने की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक रवींद्र सिंह नेगी की मांग पर अब सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश की संभल संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने बीजेपी विधायक की मांग पर प्रतिक्रिया दी है.

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मीडिया में दिये बयान में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा, "भाजपा ने खुद को मस्जिदों और मीट के मुद्दों तक सीमित कर लिया है... यह असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास है. नवरात्रि पहली बार नहीं हो रही है; हम किसी भी धर्म या त्योहार का अनादर नहीं करते."

"मंदिर-मस्जिद करना बन गई बीजेपी की पॉलिसी"

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि, हम चाहते हैं कि देश के अंदर 140 करोड़ की जनसंख्या वह सभी लोग अपने-अपने मजहबों के साथ, सम्मान के साथ रहें और अपने त्यौहारों को मनाएं. मगर कभी मस्जिद को ढका जाना या नॉनवेज की शॉप को बंद करना ये सिर्फ बीजेपी की पॉलिसी रह गई है. आज देश कहां जा रहा है, इससे उनको (बीजेपी) को कोई लेना देना नहीं है. बीजेपी को सलाह दी है कि वह वास्तविक मुद्दों पर ध्यान दे.

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इमाम से पिटाई की घटना पर अफसोस

वहीं अलीगढ़ में इमाम की पिटाई के मामले पर सपा सासंद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि, "इस घटना के लिए अफसोस है. इस मुद्दे को पहले जब विधायक था, अब सांसद हूं तब भी उठा चुका हूं." सपा सांसद ने कहा कि, एक भीड़, एक तंत्र उसको अधिकार किसने दिया है इस प्रकार की कार्रवाई करने का? उन्होंने ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग की है.

दरअसल, अलीगढ़ में मस्जिद के इमाम तारिक मुस्तकीम पर दबंगों द्वारा कथित तौर पर धार्मिक नारे लगाने से मना करने पर मारपीट की गई है. बताया गया कि दबंगों ने तारिक को डंडों, ईंटों और लात-घूसों से डेढ़ घंटे तक पिटाई की. पुलिस जांच कर रही है. हालांकि, पुलिस ने धार्मिक नारे लगवाने या सांप्रदायिक जैसी स्थिति से इंकार किया है.