उत्तर प्रदेश स्थित संभल में वर्ष 2024 के नवंबर में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के बाद भड़की हिंसा के संदर्भ में गठित न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट 28 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी. इस रिपोर्ट में संभल की डेमोग्राफी को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं.
इस रिपोर्ट पर मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आञ्जनेय कुमार सिंह ने प्रतिक्रिया दी. कमिश्नर आञ्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि ये आयोग का काम था. आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंपी मुझे अभी इसकी सूचना नहीं है. हम लोगों का इससे सीधा कोई सरोकार नहीं था. मुझे इसका कोई आईडिया नहीं है कि क्या रिपोर्ट दी गई है.
उन्होंने कहा कि संभल अब शांत है और उसके विकास के लिए काम चल रहा है. यहां मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुरातात्विक और धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण कराया जा रहा है जिस से सँभल में पर्यटन और रोजगार बढ़ेगा.
24 नवंबर को हुई थी संभल में हिंसा
24 नवंबर 2024 को, संभल में शाही जामा मस्जिद के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा अदालत के आदेश पर किए गए सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी. हिंसा के परिणामस्वरूप चार व्यक्तियों की मौत हो गई और अधिकारियों और स्थानीय लोगों सहित कई अन्य घायल हो गए. जैसे ही स्थानीय मुसलमान मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए और तनाव बढ़ गया, पुलिस ने बल प्रयोग किया और प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं, जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और अधिकारियों और स्थानीय लोगों सहित कई घायल हो गए.
हिंसा के परिणामस्वरूप छतों से पुलिस पर पथराव करने के आरोप में 12 एफआईआर और 80 गिरफ्तारियां हुईं. चार्जशीट के अनुसार, इस मामले में कुल 159 आरोपी थे. इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि हिंसा स्थल और अन्य स्थानों से बरामद हथियार यूनाइटेड किंगडम, यूएसए और जर्मनी में निर्मित थे. उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने 12 मामलों में से छह में 4,000 से अधिक पृष्ठों का आरोप पत्र दायर किया था.