Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश में संभल की एक अदालत ने पिछले वर्ष 24 नवंबर को हुए दंगा मामले में मंगलवार को नौ जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं. इसके साथ ही अब तक कुल 122 याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं. अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) हरि ओम प्रकाश सैनी ने बताया कि मंगलवार को एडीजे (द्वितीय) निर्भय नारायण राय की अदालत में 24 नवंबर, 2024 को हुए संभल दंगों के मामले में नौ याचिकाएं पेश की गयीं जिसे अदालत ने खारिज कर दिया.

उन्होंने बताया कि अब तक कुल 122 जमानत याचिकाएं खारिज की जा चुकी हैं. ओम प्रकाश सैनी ने बताया कि उन्होंने अदालत के समक्ष तर्क रखे कि 24 नवंबर की घटना में चार निर्दोषों की जान गई है साथ ही कई पुलिसकर्मी और प्रशासन के लोग घायल भी हुए हैं. उक्त घटना में आरोपियों ने पुलिस पर जान से मारने की नीयत से पत्थर चलाए, गोलीबारी भी की गई, सरकारी कार्य में बाधा डाली गई जबकि पुलिस ने आरोपियों को वीडियो फुटेज के आधार पर चिन्हित किया है. इनके पास से हथियार सहित काफी सामान भी बरामद किया है. ओम प्रकाश सैनी ने दावा किया कि यह सभी तर्क उनके द्वारा रखे गए जिस पर अदालत ने याचिकाएं खारिज कीं.

पिछले साल मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसासंभल में एक अदालती आदेश के बाद पिछले वर्ष 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. सर्वेक्षण इस दावे के बाद शुरू किया गया था कि मस्जिद का निर्माण मुगल काल के दौरान कथित रूप से ध्वस्त किए गए एक हिंदू मंदिर के खंडहर पर किया गया था.

हिंसा में चार लोगों की हुई थी मौतअदालत द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पों में बदल गया, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस और अन्य भीड़-नियंत्रण उपायों का इस्तेमाल किया. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गयी और कई घायल हो गये थे.

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