उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में रायसत्ती क्षेत्र के मोहल्ला हातिम सराय में कथित अवैध निर्माण को लेकर इलाहबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने प्रशासनी कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है. तालाब की जमीन पर निर्माण को लेकर स्थानीय प्रशासन ने बुल्डोजर कार्रवाई पिछले दिनों शुरू की थी. जिस पर कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी थी.
तहसील प्रशासन ने हातिम सराय मोहल्ले में बने लगभग 80 मकानों और एक मस्जिद को यह कहते हुए नोटिस जारी किया था कि वे तालाब की भूमि पर अवैध रूप से निर्मित हैं. नोटिस में 15 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने और निर्माण हटाने का निर्देश दिया गया था.
प्रशासन की तरफ से लगाए थे लाल निशान
प्रशासनिक टीम ने क्षेत्र का सर्वे कर करीब 40 मकानों को अवैध बताते हुए उन पर लाल निशान लगाए थे. चेतावनी दी गई थी कि यदि तय समय में संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो सभी निर्माणों को बुलडोजर से गिरा दिया जाएगा. इस कार्रवाई से स्थानीय निवासियों में हड़कंप मच गया था.
तहसीलदार की नोटिस को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती
तहसीलदार के इस नोटिस को महमूद आलम समेत 18 अन्य लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी. उन्होंने दलील दी कि प्रशासन का नोटिस मनमाना और कानून के अनुरूप नहीं है. याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर अधिवक्ता राकेश पांडे, अधिवक्ता इरशाद अहमद और अयूब खान ने पक्ष रखा.
अधिवक्ताओं ने अदालत के समक्ष कहा कि जिस भूमि को तालाब बताया जा रहा है, उस पर वर्षों से आवासीय निर्माण हैं और वहां लोग लगातार रह रहे हैं. ऐसे में बिना उचित जांच के कार्रवाई करना अनुचित है. उन्होंने नोटिस को रद्द करने और कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की.
कोर्ट ने लगाई रोक, चार हफ्ते की दिया मोहलत
हाईकोर्ट ने प्राथमिक सुनवाई के बाद प्रशासनिक कार्रवाई पर अस्थायी रोक लगा दी. अदालत ने याचिकाकर्ताओं को चार हफ्तों के भीतर तहसीलदार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. साथ ही तहसीलदार को कहा गया है कि वह कानून के अनुसार उचित निर्णय लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें.
अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश
अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई तक किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ या जबरन कार्रवाई न की जाए. अब तहसील प्रशासन को चार सप्ताह में अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल करनी होगी. तब तक के लिए क्षेत्र में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश प्रभावी रहेगा.