सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क बोले- 'मजहब के खिलाफ है वंदे मातरम, सुप्रीम कोर्ट भी...'
Vande Mataram Row: सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने अपने बयान में संविधान और सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है कि हम अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फैसला करें.

संभल से समाजवादी पार्टी (SP) सांसद जियाउर्रहमान बर्क का ‘वंदे मातरम्’ को लेकर दिया गया बयान राजनीतिक हलकों में नया विवाद खड़ा कर रहा है. बर्क ने कहा कि वह ‘वंदे मातरम्’ नहीं गाते क्योंकि इसके कुछ शब्द उनके मजहब के खिलाफ हैं. उन्होंने साफ कहा कि न उनके दादा ने यह गीत गाया, न वह खुद गाते हैं, और इससे उनकी देशभक्ति पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता.
सपा सांसद ने कहा कि "हमारे बुजुर्गों ने देश की आजादी के लिए कुर्बानियां दी हैं और देशभक्ति पर कोई उंगली नहीं उठा सकता." उन्होंने स्पष्ट किया कि वे जन गण मन को राष्ट्रगान मानते हैं, उसका सम्मान करते हैं और खड़े होकर गाते भी हैं. लेकिन ‘वंदे मातरम्’ राष्ट्रगीत है, और इसे गाने के लिए कोई बाध्य नहीं कर सकता. उनके अनुसार, गीत में ऐसे शब्द हैं जो मजहब के खिलाफ जाते हैं, क्योंकि “हम एक अल्लाह की इबादत करते हैं और किसी अन्य को सजदा नहीं कर सकते.”
संविधान और सुप्रीम कोर्ट ने भी दी है स्वतंत्रता- जियाउर्रहमान बर्क
सपा सांसद बर्क ने अपने बयान में संविधान और सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि “यह हमारा संवैधानिक अधिकार है कि हम अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फैसला करें.” उन्होंने 1986 के एक सुप्रीम कोर्ट केस का जिक्र करते हुए कहा कि किसी को भी ‘वंदे मातरम्’ गाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. उन्होंने दोहराया कि “हम इस देश की धरती से प्यार करते हैं, इसके प्रति वफादार हैं, लेकिन इबादत केवल अल्लाह की करते हैं.”
बिहार चुनाव पर भी दी प्रतिक्रिया
बातचीत के दौरान जियाउर्रहमान बर्क ने बिहार विधानसभा चुनाव पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है इस बार महागठबंधन सरकार बनाएगा ताकि वहां विकास हो और अपराध दर में कमी आए. उन्होंने कहा कि “अगर सत्ता में आने वाले दल ईमानदारी से काम करें तो बिहार देश के सबसे प्रगतिशील राज्यों में गिना जा सकता है.”
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Source: IOCL






















